उद्घाटन के बाद पहली बार अटल सुरंग से गुजरा भारतीय सेना का काफिला

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में नवनिर्मित अटल सुरंग (Atal Tunnel) से बुधवार को पहली बार भारतीय सेना (Indian Army) का काफिला गुजरा, इस काफिले में सेना के कई वाहन और ट्रक शामिल रहे. इन वाहनों द्वारा रोजाना इस्तेमाल होने वाले सामान सैनिकों तक पहुंचाए गए. एलएसी (LAC) के इलाकों में सेना की गश्त के लिए अटल टनल बहुत अहम है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को अटल टनल का उद्घाटन किया था. इस टनल के निर्माण से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है. यानी अटल टनल के इस्तेमाल से अब लोग अपने सफर में लगने वाले समय में से 4-5 घंटे बचा पाएंगे. 9.02 किलोमीटर लंबी ये टनल दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग है. जो पूरे साल मनाली को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी.

मालूम हो कि ये घाटी भारी बर्फबारी के कारण छह महीनों तक अन्य इलाकों से कटी रहती थी. अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ अटल टनल समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है. इस टनल से मनाली और लेह के बीच की यात्रा सुगम होगी.

सैनिकों तक आसानी से पहुंचेगा जरूरी सामान

इस टनल के लोकापर्ण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सामरिक रूप से अहम अटल सुरंग भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों और पुनर्वास क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पूर्णरूप से समर्पित है. उन्होने आगे कहा था कि इस टनल के रास्ते खाद्य सामग्री, हथियार और अन्य जरूर सामान भारतीय सेना तक तेजी से पहुंचेंगे.

बता दें कि अटल टनल पहाड़ को काटकर 3300 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. ये दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुंरग है. टनल के शुरू होने से अब लाहौल के लोग सर्दियों में होने वाली बर्फबारी के चलते छह माह तक अन्य इलाकों से नहीं कटेंगे. वहीं, भारतीय सैनिक इस टनल के इस्तेमाल से चीन से सटी सीमा लद्दाख और पाकिस्तान से सटे कारगिल तक आसानी से पहुंच पाएंगे.

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