अल्मोड़ा: देवभूमि उत्तराखंड का जिला कलक्ट्रेट भवन सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक प्रशासनिक भवन है. ये इमारत 16वीं शताब्दी के राजाओं ने बनवाई थी. वर्तमान में इस भवन को सरकार की ओर से हेरिटेज के रूप में विकसित करने की कवायद चल रही है. इसके बाद जिले की प्रशासनिक व्यवस्था नए भवन में शिफ्ट हो जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, राजाओं का बनवाया ये महल बिट्रिश काल से आजादी के कई दशकों के बाद तक कुमाऊं कमिश्नरी था. राजा इस भवन में रह कर प्रशासनिक कार्य करते थे. अंग्रेज अधिकारी और अब आजाद भारत के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रशासनिक व्यवस्थाएं चलाई जाती हैं लेकिन अब ये भवन इतिहास बनने की ओर अग्रसर है. सबसे पहला ब्रिटिश ई-गार्डनर नाम के अधिकारी ने इसी भवन से कुमाऊं में प्रशासनिक व्यवस्थाएं संभाली, जिसके बाद कई अंग्रेज अधिकारियों ने यहां बैठकर कुमाऊं में शासन किया. वहीं, अब वर्तमान में अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन भदौरिया इसी ऐतिहासिक भवन से प्रशासनिक व्यवस्थाएं चलाते हैं.
जिलाधिकारी नितिन भदौरिया इस ऐतिहासिक भवन को हेरिटेज बिल्डिंग बनाने जा रहे हैं. नया कलक्ट्रेट भवन अल्मोड़ा नगर के पांडेखोला नाम के स्थान पर निर्माणाधीन है, जिसके बनने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय को वहां से नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा और ये भवन इतिहास के पन्नों हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा.
अब ऐतिहासिक भवन को पर्यटन गतिविधियों से जोड़ने के लिए और हैरिटेज एवं कल्चर सेंटर बनाने के लिए पुर्ननिर्माण कार्य चल रहा है. इस ऐतिहासिक भवन में म्यूजियम, कुमाऊंनी कैफे, आर्ट गैलरी और पर्यटक सूचना केंद्र बनाया जाना प्रस्तावित है. इससे देश-विदेश से आने वाले सैलानी अल्मोड़ा के इतिहास और राजा-महाराजाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. मल्ला महल के नाम से जाना जाने वाला रानीमहल संरक्षित होने के बाद युवा पीढ़ियों को यहां के इतिहास से रूबरू कराएगा.