रोटी के लाले! एंबुलेंस चालकों को पांच महीने से नहीं हुआ भुगतान

रुड़की: कोरोना महामारी में जहां हर वर्ग के लोगों को भारी नुकसान हुआ है वहीं, अब एंबुलेंस चालकों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कोरोना काल में अहम भूमिका निभाने वाले एंबुलेंस चालक भुखमरी की कगार पर हैं. एंबुलेंस चालकों द्वारा कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया गया, लेकिन अब इन योद्धाओं की हिम्मत जवाब देने लगी है.

बता दें कि, कोरोना काल में प्राइवेट एंबुलेंस चालकों को ड्यूटी पर लगाया गया था, जो कोरोना मरीजों को आइसोलेशन वॉर्ड तक पहुंचाने का काम कर रहे थे. इसके लिए चालकों को प्रतिदिन एक हजार रुपये देने का वादा किया गया था. लेकिन करीब 5 माह बीत जाने पर भी इन चालकों को एक रुपया तक का भुकतान नहीं किया गया. जिसके कारण अब इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. साथ ही परिवार चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं.

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि पैसे न मिलने से गाड़ी की मेंटिनेंस और फाइनेंस की किश्तों तक की भरपाई नहीं हो पा रही है.

बता दें कि, कोरोना काल में मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए जिला प्रशासन ने प्राइवेट एंबुलेंस वाहनों को लगाया था. जिन्हें प्रतिदिन एक हजार रुपये देने का वादा भी किया था. इन एंबुलेंस चालकों का काम ये था कि जहां भी कोरोना मरीज पाया जाए वहां से उसे अस्पताल तक पहुंचाया जाए. इसके साथ क्वारंटाइन किए जाने वाले लोगों को भी एंबुलेंस सेवा दी जा रही थी. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की ओर से एंबुलेंस चालकों को कोई पेमेंट नहीं दिया गया. अब चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. चालकों ने कई बार पेमेंट के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन आरोप है कि प्रशासन द्वारा अनदेखा किया जा रहा है.

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि गाड़ी फाइनेंस पर ली थी. जिसकी किश्तें भी जमा नहीं हो पाईं. साथ ही गाड़ी की सर्विस और मेंटिनेंस का खर्च भी नहीं उठ रहा है. इसके साथ ही परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं. ऐसे में एंबुलेंस चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब तक प्रशासन पिछला पेमेंट नहीं करता, तब तक एंबुलेंस चलाना मुश्किल होगा, क्योंकि अब तेल के पैसे भी नहीं बचे हैं.

इस संबंध में एआरटीओ ज्योति शंकर मिश्रा का कहना है कि जिला प्रशासन के साथ-साथ सीएमओ हरिद्वार को इस मामले से अवगत करा दिया गया है, ताकि जल्द ही इनका भुगतान हो सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *