काशीपुर: शहर में जलभराव की समस्या स्थानीय लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. यहां की प्राचीन लक्ष्मीपुर-माइनर नहर जो कि शहर के बीच से होकर गुजरती है अतिक्रमण की वजह से जाम हो गयी है. काशीपुर नगर निगम के अधिकारी और मेयर कई बार इसकी सफाई की बात करते हैं और नगर निगम के द्वारा हर बार लक्ष्मीपुर-माइनर में जमी गाद की सफाई कराई जाती है लेकिन बरसात की शुरुआत होते ही शहर में जलभराव के साथ-साथ नगर निगम के साफ सफाई के दावे की कलई खुल जाती है.
जब-जब काशीपुर में विधानसभा चुनाव हो या निगम का चुनाव हो तो नेता लोग अपनी डफली और अपना राग अलापने लगते हैं. लोगों को हवा हवाई सपने दिखाते हैं कि मानो आपने अपना मत दिया नहीं कि आपकी सारी समस्या हल हो गई.
शहर के बीच से गुजरती नहर पर अतिक्रमण इस तरीके से है कि वहां की सफाई किसी भी प्रकार से संभव नहीं है. जब नगर निगम ने सफाई की जहमत उठाई तो एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका डालकर लक्ष्मीपुर माइनर को तली झाड़ सफाई करने की मांग की थी. लेकिन वह भी ढाक के तीन पात नजर आए. करोड़ों रुपया नगर निगम द्वारा खर्च किया गया परंतु जलभराव की समस्या जस की तस बनी है.
आज तक नगर क्षेत्र में जलभराव की समस्या का कोई भी विधायक या नगर पालिका चेयरमैन या महापौर जड़ से निदान नहीं कर सके और आज भी काशीपुर में हल्की बारिश होते ही नगरवासियों को जलभराव की समस्या झेलना पड़ता है. इसी के साथ ही जब नगर निगम के एसएनए से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि निगम द्वारा समय-समय पर सफाई की जाती है. साथ ही कहीं भी अगर जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है तो वहां पर इकट्ठा हुए पानी की मोटरों द्वारा निकासी की जाती है. साथ ही कोरोना वायरस की महामारी को लेकर नगर निगम पूरे शहर को सैनिटाइज करने में भी पीछे नहीं है. अब देखना है कि काशीपुर कब तक जलभराव की समस्या से निजात पाएगा.