चमोली: उत्तराखंड सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से खरीदा गया सचल चिकित्सा वाहन चमोली के जिला अस्पताल के बाहर कई वर्षों से धूल फांक रहा है. उपयोग में न होने के कारण वाहन पर पौधे तक उग आए हैं. वाहन संचालन के लिए समय रहते स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा टेंडर प्रक्रिया संपन्न न करवाने के कारण वाहन के साथ-साथ वाहन के अंदर रखे स्वास्थ्य परीक्षण के उपकरण भी खराब हो चुके हैं. सीएमओ चमोली का कहना है कि वाहन के संचालन को लेकर लगातार शासन से पत्राचार किया जा रहा है.
अगर सचल चिकित्सा वाहन की सेवा चालू रहती तो कोरोना वायरस के इस दौर में यह सेवा लोगों के लिए संजीवनी का कार्य कर सकती थी. जहां लोग कोरोना के इस दौर में अपने उपचार के लिए अस्पतालों का रुख करने से घबरा रहे हैं वहीं, लोगों के दरवाजों पर अस्पताल खड़ा रहता. साथ ही इस वाहन में अल्ट्रासाउंड की सुविधा होने के कारण यह सेवा गर्भवती महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी.
वहीं, चमोली जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि शासन को इस संबंध में टेंडर प्रक्रिया को लेकर कई बार अवगत कराया जा चुका है. कोरोना संकट के इस दौर में यह वाहन काफी फायदेमंद हो सकता था.