कोरोना महामारी ने उत्तराखंड मंत्रिमंडल विस्तार पर फिर लगाया ग्रहण

कुमाऊं से कैबिनेट में दो मंत्रियों को शामिल करने की चर्चा शुरुआत से ही हो रही थी, लेकिन अभी तक इसका निर्णय नहीं हो सका है। दो सप्ताह पहले इस संदर्भ में राजनीतिक हलकों में जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई थी। उम्मीद जगने लगी थी कि जल्द ही कैबिनेट विस्तार हो जाएगा। जैसे ही कोरोना का प्रसार बढऩे लगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यालय से लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत समेत तमाम पदाधिकारी कोरोना की चपेट आए तो कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया एक बार फिर ठंडे बस्ते में चली गई। जैसे ही कैबिनेट विस्तार की चर्चा थी। ऐसे में सत्तारूढ़ दल के ही कुछ विधायक नौकरशाही की कार्यप्रणाली से नाराज हो गए। उन्होंने सीएम से लेकर प्रदेश अध्यक्ष से अपनी बात रखी। यह मामला भी कई दिनों तक सुर्खियों में छाया रहा।

चैंपियन व महेश नेगी प्रकरण ने उलझाया

इस बीच खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की भाजपा में वापसी और द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी का सैक्स स्कैंडल कांड राज्य की राजनीतिक सुर्खियों का हिस्सा बना गया है। इसे लेकर भी सरकार कहीं न कहीं असहज हो गई है। हालांकि बाहरी तौर पर सीएम से लेकर प्रदेश अध्यक्ष इन मुद्दों पर लगातार बेबाबी से सफाई प्रस्तुत करते रहे हैं। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते भी कैबिनेट विस्तार की कवायद को झटका ही लगा।

कुमाऊं से मंत्री की दौड़ में थे ये विधायक

कुमाऊं में पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में संतुलन साधने के लिहाज से पार्टी मंत्री बनाने को लेकर लगातार जद्दोजहद में हैं। पर्वतीय क्षेत्र पिथौरागढ़ से प्रकाश पंत मंत्री थे, लेकिन उनके निधन के बाद कैबिनेट मंत्री का एक पद और खाली हो गया। कुछ समय पहले उनकी पत्नी चंद्रा पंत के मंत्री बनाने की चर्चा जोरशोर से होने लगी थी, लेकिन बाद में उन्होंने ही इस बात का खंडन कर दिया था। वैसे डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल, कांडा-कपकोट क्षेत्र के विधायक बलवंत सिंह भौंर्याल भी मंत्री पद की रेस में आगे हैं।

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