अल्मोड़ा : जिला मुख्यालय के लक्ष्मेश्वर में 1906 में स्थापित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के काफी पुराने हो चुके भवन के सुधारीकरण कार्य के लिए 20 लाख की धनराशि स्वीकृत हो गई है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण विकास विभाग की ओर से लॉकडाउन की स्थिति सामान्य होने तथा श्रमिकों की उपलब्धता होने के बाद इमारत के सुधारीकरण का कार्य शुरू कराया जाएगा। इससे शिक्षकों कर्मचारियों तथा यहां प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षणाíथयों को राहत मिल सकेगी।
इंडो-यूरोपियन शैली के प्राचीन गिने-चुने भवनों में से एक भवन नगर के लक्ष्मेश्वर में स्थित है, जो अंग्रेजी हुकूमत के दौरान सन 1906 में बना। वर्तमान में डायट परिसर के नाम से चर्चित यह भवन शुरू से शिक्षा की अलख जगाने का केन्द्र रहा। भवन की विशिष्ट निर्माण शैली आज भी लोगों का ध्यान खींच लेती है। भवनों की स्थापत्य कला देखने लायक है। पत्थर की चिनाई एवं छिलाई अद्भुत है। इसमें प्रयुक्त लकड़ी में नक्काशी संरक्षण योग्य है। सालों से भवन का रखरखाव नहीं हुआ है। भवन में कहीं छत टूट गई, तो कहीं दीवार खस्ताहाल हो गई। इधर, शासन ने इस प्राचीन भवन की सुध लेते हुए इसके सुधारीकरण को शासन ने 20 लाख रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। केगा।
संस्थान में नियमित डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण के साथ ही विभिन्न विद्यालयों में सेवारत शिक्षकों के लिए यहां प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा समग्र शिक्षा अभियान की विविध कार्यशालाएं आयोजित कर विद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन की रूपरेखा तैयार की जाती है।
शासन व विभाग ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में प्रयासरत है। इसी क्रम में प्राचीन डायट भवन के सुधारीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। इसके लिए निविदाएं हो चुकी हैं। जल्द ही कार्यदायी संस्था ग्रामीण विकास विभाग की ओर से निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
– डॉ. राजेंद्र सिंह, प्राचार्य, डायट, अल्मोड़ा