नई दिल्ली. केंद्र सरकार भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL-Bharat Petroleum Corporation Limited) में अपनी पूरी हिस्सेदारी (सरकार के पास BPCL में कुल 52.98 फीसदी हिस्सा है.) बेचने जा रही है. निजीकरण से पहले कंपनी ने बड़ा ऐलान करते हुए कर्मचारियों को मार्केट रेट के मुकाबले एक तिहाई भाव पर ईसॉप्स यानी एम्पलाई स्टॉक ऑप्शन (ESOP-Employee Stock Ownership Plan) देने की पेशकश की है. बीपीसीएल बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.आपको बता दें कि बीपीसीएल में कुल 20,000 कर्मचारी काम करते है.
आपको बता दें कि बीते महीने बीपीसीएल ने अपने कर्मचारियों को वीआरएस (VRS) देने की पेशकश की थी. यह योजना उन कर्मचारियों के लिए थई जो विभिन्न व्यक्तिगत कारणों से कंपनी में सेवाएं जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं. वे कर्मचारी वीआरएस के लिए 15 अगस्त तक आवेदन कर सकते थे.
एम्पलाई स्टॉक ऑप्शन (ESOP-Employee Stock Ownership Plan) से कैसे होगा फायदा– एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह कंपनी द्वारा कर्मचारी को दिए जाने वाले एक लाभ की तरह है, जिसमें कर्मचारी के पास कंपनी के शेयर कम कीमत या फिर किसी फिक्स प्राइस पर खरीदने का मौका होता है. उदाहरण के तौर पर समझें तो 4 सितंबर को बीपीसीएल का शेयर 404 रुपये के भाव पर बंद हुआ यानी यहां से कम कीमत पर शेयर खरीदने का मौका मिलेगा. लिहाजा शेयर में तेजी आने पर इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. हालांकि, यह सुविधा चुनिंदा कर्मचारियों को दी जाती है. इसके तहत कर्मचारियों को एक विशेष समयावधि के भीतर कंपनी के शेयरों का कुछ हिस्सा खरीदने की सुविधा मिलती है.
बीपीसीएल के पास देश में चार रिफाइनरियां हैं, जिनकी कुल क्षमता 3.83 करोड़ टन है. कंपनी के पास 15,177 पेट्रोल पंप और 6,011 एलपीजी वितरक एजेंसियां हैं. सरकार को इस विनिवेश से करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. BPCL का अधिग्रहण करने वाले खरीदार को देश की 14 फीसदी कच्चा तेल शोधन क्षमता और ईंधन विपणन ढांचे का करीब 25 फीसदी मिलेगा.