अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अधूरा निर्माण और फैकल्टी न होने से MCI ने नहीं दी मान्यता

अल्मोड़ाः निर्माणाधीन अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पिछले 8 सालों से चुनाव के वक्त ही सियासी मुद्दा बन पाता है. लेकिन अभी तक इस भवन का निर्माण नहीं हो सका. कॉलेज प्रशासन इसके पीछे बजट का अभाव बताकर पल्ला झाड़ लेता है. जबकि, सूबे की त्रिवेंद्र सरकार इसी साल यानि 2020 से यहां कक्षाएं शुरू करने की घोषणा कर चुकी है. हाल ये है कि अधूरा निर्माण और फैकल्टी न होने से इसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता नहीं मिल सकी है.

साल 2004 में तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी ने अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद शासन ने साल 2009 में इसके निर्माण के लिए ब्रिडकुल एजेंसी को ठेका सौंपा. लेकिन ब्रिडकुल एजेंसी ने काम शुरू नहीं किया. साल 2012 में इसके निर्माण का ठेका यूपी निर्माण निगम को सौंपा गया.

यूपी निर्माण निगम ने इसका निर्माण शुरू तो किया, लेकिन 327 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज के लिए शासन से सिर्फ 215 करोड़ रुपए का बजट ही जारी हो सका है. लेकिन, बजट जारी नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य लंबे समय से ठप पड़ा हुआ है. दुर्भाग्य से मेडिकल कालेज का कार्य अधूरा होने व फैकल्टी की नियुक्ति नहीं होने से अभी तक इसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता भी नही मिल सकी है.

कार्यदायी संस्था के अभियंता रमेश चंद्र का कहना है कि अभी तक मेडिकल कॉलेज को 215 करोड़ का बजट प्राप्त हो चुका है. जिससे अभी तक 63 फीसदी कार्य हो चुका है. लेकिन बाकी का कार्य बजट के अभाव में ठप पड़ा हुआ है. शासन से लगातार पत्राचार जारी है. बजट मिलते ही जल्द कार्य शुरू किया जाएगा.

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