हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि चीन (China) को सबक सिखाने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने 44 नए वंदे भारत ट्रेन सेट्स (44 Vande Bharat Trainsets) के टेंडर को रद्द कर दिया है. कहा जा रहा था चाइनीज कंपनियों ने भी टेंडर के लिए बिड किया था, जिसके कारण ही इसे रद्द किया गया. हालांकि भारतीय रेलवे ने टेंडर रद्द करने पीछे की असली वजह बताई है.
तीन बिडर्स ने किया नियमों का उल्लंघन
रेलवे ने घोषणा की कि तीन बिडर्स द्वारा नियमों का उल्लंघन किया गया था, जिसके कारण 44 वंदे भारत ट्रेन सेट्स के ग्लोबल टेंडर को रद्द किया गया है. मीडिया से बात करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव (VK Yadav) ने कहा कि बिड्स को प्रोसेस करते समय यह पाया गया कि किसी कारण से बोली लगाने वालों ने वित्तीय जानकारी के साथ-साथ उन सूचनाओं को भी प्रस्तुत किया, जिनकी योग्यता के चरण में कोई आवश्यकता नहीं थी.
चीन नहीं टेंडर रद्द करने की वजह
ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि इस टेंडर को रद्द करने के पीछे चीन से जुड़ा कोई कनेक्शन नहीं है. पारदर्शिता के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए टेंडर रद्द करने का फैसला किया गया. एक हफ्ते के भीतर नया टेंडर फिर से जारी कर देगा. इस रेलवे प्रोजेक्ट में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी जाएगी. यादव ने यह भी कहा कि इसके कारण प्रोजेक्ट की टाइमलाइन लगभग तीन महीने प्रभावित हुई है, लेकिन रेलवे इसे तय समय सीमा पर पूरा कर लेगा.
हालांकि, रेलवे चेयरमैन ने उन बिडर्स के नामों का खुलासा नहीं किया, जिन्होंने अपने प्राइस उजागर किए थे. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, क्योंकि इन दो-पैकेट टेंडर्स के लिए मानक निर्देश जारी किए गए हैं और उनके आधार पर ऐसे कई टेंडर्स को अंतिम रूप दिया गया है.
टेंडर में चीन की सरकारी कंपनी CRRC पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का भारत की एक कंपनी के साथ ज्वॉइंट वेचर है. वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि तीन बोलीदाताओं द्वारा इंटिकेटेड प्राइसेज के अनुसार, CRRC ने सबसे कम प्राइस कोट किया था और इसके गुरुग्राम स्थित ज्वॉइंट वेंचर ने दूसरे नंबर पर सबसे कम बोली लगाई थी.