पौड़ी: उत्तराखण्ड में कॉपरेटिव समिति की ओर से चलाई जा रही आंचल दुग्ध डेयरी एक बार फिर से सवालों के घेरे में हैं, एक ओर सरकार ने जहां आंचल अमृत योजना को शुरू कर आंचल दूध पर अपना भरोसा जताया है, तो वहीं दूसरी तरफ अब इसी दुग्ध डेयरी की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है. बता दें कि उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रदेश की जनता को शुद्ध दूध मुहैया करवाने के लिए आंचल डेयरी को मोबाइल वैन की मदद ली गई. उचित कीमत के साथ साथ गुणवत्तायुक्त दूध उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन इन दिनों स्थानीय लोगों की ओर से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि आंचल दूध में गुणवत्ता की कमी है, जिससे कि स्वास्थ्य के खराब होने की संभावनाएं भी बढ़ रही है. स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात कर उनको इस समस्या से अवगत कराया.
पौड़ी निवासी भगवान सिंह टम्टा ने बताया कि मोबाइल वैन के जरिये बेचे जा रहे आंचल दूध में पिछले कुछ दिनों से उन्हें बदबू महसूस हो रही है, जिससे उन्हे दूध में किसी तरह की मिलावट का भी संदेह हो रहा है. ऐसे में ये दूध उनके स्वास्थय को प्रभावित करे इससे पहले ही इस दूध की गुणवत्ता जांचने की मांग जिलाधिकारी से की है.
वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि स्थानीय लोगों की ओर से उन्हें शिकायत प्राप्त हुई है कि आंचल दूध में उन्हें कुछ दिनों से दुर्गंध आ रही है और उन्हें आशंका है कि दूध में कुछ अन्य पदार्थ मिलाया जा रहा है. जिसे देखते हुए उन्होंने एफएसओ पौड़ी को दूध की जांच करने के निर्देश दिए हैं.