हिमाचल में 20 साल से सरकारी विभाग नहीं खर्च रहे 15 हजार करोड़ रुपये

शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विकास (Development) के दावे करने वाली सरकारें किस तरह से लापरवाह हैं. इसकी बानगी देखने को मिली है. अब सरकार जागी और मामले पर रिपोर्ट (Report) मांगी गई है. दरअसल, पूरा मामला बजट (Budget) से जुड़ा है.  जानकारी के अनुसार, 20 साल चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की, विभिन्न सरकारों द्वारा लोगों की बेहतरी औऱ विकास कार्यों के लिए मंजूर 15 हजार करोड़ (Crore) रुपये की राशि विभिन्न विभागों की तिजोरियों में बेकार पड़ी हुई है.

4 बार प्रदेश में सरकारें बनीं और बदली

साल 2001 से लेकर अब तक करीब 4 बार प्रदेश में सरकारें बनीं औऱ सभी सरकारों ने विभागों के माध्यम से विकास कार्यों के लिए धन उपलब्ध करवाया. लेकिन सरकार विभाग इन पैसों पर कुंडली मारे बैठे हुए हैं.प्रदेश में लोगों का जीवन बेहतर हो और विकास कार्य सिरे चढ़े इस उम्मीद औऱ सोच के साथ उपलब्ध करवाया धन आज विभागों की तिजोरियों में बंद पड़ा है। इसे सरकारी विभागों की नाकामी कहें या सरकार की लापरवाही विकास कार्यों के लिए मंजूर पैसा आज भी बेकार पड़ा है.

अब सरकार जागी और मांगी रिपोर्ट
जयराम मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विभागों के पास पड़ीं 15 हजार करोड़ की राशि को खर्च करने की योजना सरकार ने तैयार कर ली है. सरकार ने विभागों से रिपोर्ट तलब की है औऱ अनस्पेंट मनी का पूरा ब्यौरा मांगा है. पूरा ब्योरा आने के बाद खर्च करने की नई योजना बनेगी औऱ इसे समयसीमा के भीतर विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा, ताकि विभागों की तिजोरियों में पड़ा जनता का पैसा जनता के काम आ सके.

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