कोटद्वार में अधर में लटका पुलिया का काम, PWD पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

कोटद्वार: नगर निगम के वार्ड नंबर 35 के तेलीबाड़ा में पुलिया के स्पान को तीन मीटर बढ़ाने का काम पीडब्ल्यूडी एक साल बाद भी पूरा नहीं कर पाई है. उधर, स्थानीय जनता विभाग की सुस्ताई की कीमत झेल रही है. लोगों को आवाजाही करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से पुलिया अभी तक तैयार नहीं हो पाई है. वे कहते हैं कि इन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों से पुलिया निर्माण पर होने वाला खर्च वसूला जाना चाहिए.

कोटद्वार में लोक निर्माण विभाग दुगड्डा द्वारा सड़क पर बनी एक पुलिया को तोड़कर लगभग 10 लाख रुपये की लागत से पुलिया का पुनः निर्माण किया जा रहा है. वहीं एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिया का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. जिसके चलते स्थानीय लोगों को आवाजाही करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बीते दिनों हुई बारिश के दौरान इस पुलिया के कारण आस-पास के क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. उस दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत ने क्षेत्र का दौरा किया था और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी. साथ ही गलत तरीके से किया गया पुलिया के निर्माण को तत्काल प्रभाव से तोड़कर सही करने की बात कही थी.

वहीं, स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिया पूर्व में भी सही थी, लेकिन कुछ लोगों को निजी फायदा पहुंचाने के लिए लोक निर्माण विभाग पुलिया को तोड़कर दोबारा से निर्माण करवा रहा है. वहीं एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिया का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. इसपर स्थानीय लोगों ने पुलिया पर खर्च की गई राशि को अधिकारियों से वसूलने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा पुलिया को तोड़कर लाखों रुपए की लागत से पुनर्निर्माण करवाया जा रहा है. एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिया का निर्माण कार्य पूरा न होने पर लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय निवासी पुष्कर सिंह राणा ने भी इस बात पर अपनी सहमति दी.

वहीं, पूरे मामले पर लोक निर्माण विभाग दुगड्डा की अपर अभियंता निवेदिता गुसाईं का कहना है कि बरसात के कारण पुलिया का निर्माण कार्य रोका दिया गया है. पूर्व में पुलिया का स्पान दो मीटर था. वर्तमान में पुलिया के स्पान को पांच मीटर कर दिया गया है, क्योंकि धोबी स्रोत नाले में पानी का बहाव काफी तेज है. जिस कारण पुलिया के स्पान को बढ़ाना जरूरी था.

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