भारतीय सेना ने पहली बार अपनी महिला सैनिकों को कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात किया है. असम राइफल्स की यह महिला सैनिक उत्तर कश्मीर में एलओसी से सटे कुपवाड़ा में तैनात की गई हैं. महिला सैनिकों की तैनाती उस समय की गई है जब लद्दाख में भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़ी हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान लगाता सीजफायर का उल्लंघन कर घुसपैठ की कोशिशों में लगा है.
असम राइफल की महिला सैनिक एलओसी की तरफ आने जाने वाले मार्गों पर चौकस निगाह गड़ाए हैं और दुश्मन की हर साजिश को नाकाम बनाने में जुटी हैं. जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा के पास के दुर्गम क्षेत्रों में पहली बार पहली बार बंदूक थामे महिला सैनिक दिखाई दे रही हैं. हालांकि सीआरपीएफ की महिला वाहिनी दो दशक से तैनात है.
नियंत्रण रेखा पर महिला सैनिकों की तैनाती को लेकर सेना का कहना है कि सीमा पार से हो रही हथियारों और नशीली पदार्थों की स्मगलिंग को रोकने में इन महिला सैनिकों का सहयोग काफी मददगार साबित होगा. पिछले कुछ सालों से आतंकी संगठन हथियारों की तस्करी और नशीली पदार्थों की तस्करी के लिए महिलाओं का सहारा ले रहे हैं. यह महिला सैनिक महिलाओं की तलाशी कर सकती हैं.
महिला सैनिकों का एक दस्ता एलओसी से सटे टंगडार-टीटवाल मार्ग और एक साधना टॉप पर पड़ताल चौकी में तैनात है. इसी चौकी से करीब 15 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित अग्रिम चौकी पर कुछ दिन पूर्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आकर हालात का जायजा लिया था.
एलओसी पर तैनात भारतीय महिला सैनिकों को फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं. लोग इनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आप पर गर्व है.