बागेश्वर (नेटवर्क 10 संवाददाता)। बागेश्वर जिले की महिलाओं के हाथ से बनी रिंगाल की राखियों ने देश में धूम मचा रखी है। इन राखियों की डिमांड हर शहर में बढ़ी हुई है। रिंगाल की ये राखियां दिल्ली, देहरादून, जयपुर आदि जगहों पर धमाल मचा रही हैं। लोकल महिलाओं द्वारा बनाई गई ये राखियां वोकल फॉर लोकल का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं।
हर साल इन दिनों चीन से आई राखियों से बाजार सजे रहते थे लेकिन इस बार चीनी सामान का जबरदस्त विरोध देशभर में ही नहीं दुनिया के अन्य देशों में भी हो रहा है। खासकर राखी के त्योहार के मद्देनजर तो हस्त निर्मित राखियों से ही बाजार सजे हुए हैं। ऐसे में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के सुदूर दानपुर इलाके की महिलाओं ने रिंगाल से बनी राखियां बजार में उतारी हैं। इसी तरह अन्य स्वयं सहायता समूहों ने भी आगे आकर वोकल फॉर लोकल पर काम किया है। कपकोट ब्लाक के शामा क्षेत्र की महिलाओं ने रिंगाल से बने हस्तनिॢमत राखियां बनानी शुरू कीं। जब ये राखियां बाजार में आईं तो व्यापारियों ने इन्हें हाथोंहाथ लेना शुरू कर दिया। ग्राहकों को भी ये राखियां खूब भा रही हैं।
रिंगाल से बनी इस राखी की कीमत 30 रुपये के करीब है। इसके अलावा वेस्ट मैटीरियल से बनी राखी की कीमत 15 रुपये के आसपास है। राखी को रिंगाल और धागे की मदद से बनाया गया है। राखी को बागेश्वर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, हरिद्वार, देहरादून, दिल्ली और जयपुर आदि स्थानों पर भेजा। आयुॢवजन ग्रुप महिलाओं को हस्त निॢमत राखी बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। शामा और कपकोट गांव में महिलाएं पांच दिनों से राखियां बना रही हैं।