जोशीमठ (नेटवर्क 10 संवाददाता)। देशभर के पर्य़टक अब चमोली स्थित फूलों की घाटी का दीदार करने आ सकते हैं और उन्हें यहां प्रवेश मिलेगा लेकिन बस उनको अपनी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।आपको बता दें कि फूलों की घाटी को 1 जून से ही सैलानियों के लिए खोल दिया गया था लेकिन अब तक यहां एक भी सैलानी घाटी का दीदार करने नहीं पहुंचा है। बताया गया है कि वही पर्यटक फूलें की घाटी पहुंच सकते हैं जो उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने से 72 घंटे पहले कराए गए कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखा पाएंगे।
विश्व प्रसिद्ध धरोहर फूलों की घाटी चमोली जिले में समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने निर्णय लिया है कि कोरोना गाइडलाइन के तहत देशी पर्यटकों की घाटी में आवाजाही कराई जाएगी।
फूलों की घाटी में देशभर के सैलानियों के प्रवेश का फैसला लेने से पहले स्थानीय लोगों की सहमति भी ले ली गई है। आपको बता दें कि अब तक फूलों की घाटी में आवाजाही को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं थी। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी को वर्ष 2005 में यूनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया था।पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी नंदाबल्लभ शर्मा ने बताया कि इन दिनों घाटी में लगभग 350 प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल खिले हुए हैं। इसके अलावा पर्यटक नदी, झरने, दुर्लभ प्रजाति वन्यजीव व परिंदों के साथ ही औषधीय वनस्पतियों का दीदार भी कर सकते हैं। आपको ये भी बता दें कि सितंबर महीने के आसपास फूलों की घाटी में 550 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं।