थराली (नेटवर्क 10 संवाददाता ): मां नंदा देवी लोकजात यात्रा का कार्यक्रम आयोजन समिति ने जारी कर दिया है. इस यात्रा पर पिछले काफी समय से संशय बना हुआ था. यात्रा 14 अगस्त से 1 सितंबर तक चलेगी. इस दौरान लोगों को कोरोना महामारी के लिए प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पालन सख्ती से करना होगा. वैश्विक महामारी कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में प्रसिद्ध मां नंदा देवी लोकजात यात्रा के आयोजन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. यहां तक कि इस साल यात्रा स्थगित करने तक की सुगबुगाहट हो रही थी. लेकिन सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष और आयोजन कमेटी के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ ने जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया से भेंट की और इस यात्रा को लेकर विस्तार से चर्चा की. इसके बाद डीएम ने यात्रा को लेकर अपनी स्वीकृति दे दी.
डीएम ने इस ऐतिहासिक यात्रा के संबंध में कार्यक्रम का प्रारूप जारी कर दिया है. उन्होंने उत्सव में डोली के साथ मात्र 10 लोगों को ही रहने को कहा है. यात्रा पड़ावों पर सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही इस व्यवस्था में प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध कराने की बात भी कही है. वहीं, समिति के अध्यक्ष मंशाराम गौड़, ने बताया कि नंदा की उत्सव डोली कुरुड़ मंदिर के गर्भगृह से 14 अगस्त को पूरे विधि-विधान के साथ निकलेगी. औपचारिक दर्शन और पूजा-अर्चना के बाद अपने पहले पड़ाव चरबंग के लिए रवाना हो जाएगी.
कार्यक्रम के समयानुसार मां नंदा देवी लोकजात का पहला पड़ाव दिनांक 14 अगस्त दिन शुक्रवार को शुरू हो कर पहले चरबंग जाएगा. इसके बाद ये 15 अगस्त को चरबंग से धरगांव शिवमंदिर होते हुए उस्तोली गांव में रात्रि विश्राम के बाद सरपानी-लाखी से होते हुए भेटी पहुंचेगी. इसी तरह से कई जगहों का भ्रमण करते हुए ये यात्रा 1 सितंबर को ढुंगाखोली से भेटा होते हुए नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा गांव पहुंचेगी. यहां पर विधि-विधान से श्री नंदा देवी की डोली को अगले 6 माह के प्रवास के लिए मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा.