HC ने औली बुग्याल में व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाई रोक

नैनीताल ( नेटवर्क 10 संवाददाता ) : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने औली बुग्याल में किसी भी प्रकार के व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाई रोक दी है. सोमवार को औली में गुप्ता बंधुओं की शाही शादी के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई थी. तभी नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंडपीठ ने औली बुग्याल में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट तौर पर आदेश देते हुए कहा कि औली घाटी में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि नहीं होगी. कोर्ट ने प्रदेश के पर्यटन सचिव को एक कमेटी गठित कर गुप्ता बंधुओं की शाही शादी के दौरान पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए के लिए उपयुक्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं.

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि औली में विंटर खेल गतिविधियों के अलावा किसी भी प्रकार की अन्य व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो सकती है. लिहाजा सरकार इस तरह की गतिविधियों को होने से रोके, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि औली जैसे स्थान पर साउथ एशियन गेम और विंटर गेम होते हैं. लिहाजा वहां पर किसी भी प्रकार के व्यवसायिक कार्यक्रम नहीं होने चाहिए. औली को एडवेंचर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन और विंटर ओलंपिक डेस्टिनेशन की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि गुप्ता बंधुओं का जो पैसा चमोली जिला प्रशासन के पास जमा है उसे राज्य सरकार के पास जमा करा दिया जाए. ताकि सरकार उससे पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए खर्च करें और उसके बाद जो पैसे बचे उसे गुप्ता बंधुओं को वापस करें.

बता दें कि अधिवक्ता रक्षित जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के औली बुग्याल में 18 से 22 जून के बीच गुप्ता बंधुओं की बेटों की शादियों का आयोजना हुआ था, जिसमें करीब 400 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. जिसमें मेहमानों को लाने ले जाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था की गई थी.

याचिकाकर्ता ने कहा था कि राज्य सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ के उस आदेश कि भी अनदेखी की थी, जिसमें कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों विशेषकर बुग्याल में किसी भी प्रकार की गतिविधि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया था. बावजूद इसके राज्य सरकार ने विरुद्ध तरीके से औली में गुप्ता बंधुओं को शाही शादी करने की अनुमति दी थी, जो गलत है.

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