देहरादून.(नेटवर्क 10 टीवी ): उत्तराखंड में शिक्षक संगठन के विरोध के आगे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कदम पीछे खींच लिए हैं. मामला लेक्चरर पद पर प्रमोशन पाएं शिक्षकों की नियुक्ति का है. जिस पर गेस्ट टीचर्स की मौजूदगी के चलते विवाद पैदा हो गया था. हालांकि अब लेक्चरर पद पर प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों को गेस्ट टीचर की नियुक्ति वाले स्कूलों में भी जाने का मौका मिल सकता है.
हाल ही में एलटी से लेक्चरर पद पर प्रमोशन पाएं शिक्षकों की नियुक्ति स्थल पर जो विवाद शुरू हुआ था. उसे जल्द ही सुलझाए जाने की संभावना जताई जा रही है. दरअसल, लेक्चरर शिक्षक को काउंसिलिंग के जरिए विभिन्न स्कूलों में तैनाती देने की प्रक्रिया हो रही है. जिसमें उन्हीं स्कूलों के विकल्प दिए गए हैं, जहां गेस्ट टीचर तैनात नहीं हैं. इसी बात से नाराज होकर शिक्षक संगठन कोर्ट तक जाने की चेतावनी दी है.
शायद यही कारण है कि शिक्षा मंत्री ने इस मामले में बैकफुट पर जाते हुए एक बार फिर मामले में विचार करने की बात कही है. हालांकि काउंसिलिंग को लेकर यदि सरकार फैसला बदलती है तो इससे गेस्ट टीचरों के नियुक्ति स्थल को लेकर दिक्कतें पैदा हो सकती है.
बता दें कि, शिक्षा विभाग ने लेक्चरर पद पर नियुक्ति के लिए उन्हीं स्कूलों को विकल्प के तौर पर रखने का फैसला लिया था, जहां पर गेस्ट टीचर तैनात नहीं है. लेकिन अब गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति वाले स्थानों पर भी यदि लेक्चरर की नियुक्ति की जाती है, तो ऐसे में बतौर गेस्ट टीचर काम करने वाले युवाओं के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है. पूरे मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम को फिर से विचार करने का निर्देश दिया है.