(नेटवर्क 10 टीवी ): (Bihar) के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को सीबीआई (CBI) को नोटिस जारी किया. जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने मामले में सुनवाई की और सीबीआई को नोटिस भेजा. दोषी बृजेश ठाकुर ने साकेत कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. दिल्ली की निचली अदालत साकेत कोर्ट ने बृजेश ठाकुर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. अब मामले में अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी.
ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली हाई कोर्ट में की है अपील
ब्रजेश ठाकुर के वकील प्रमोद दुबे ने बताया कि 20 जनवरी 2020 निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील फाइल की गई है. हाई कोर्ट ने 25 अगस्त के लिए सीबीआई को नोटिस भेजा है. इसमें केस से जुड़ी जानकारियां मांगी गई हैं. ब्रजेश ठाकुर ने अपनी याचिका कहा है कि साकेत कोर्ट ने जल्दबाजी में सुनवाई की और यह उनके निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन है. उसने यह भी दावा किया कि उसके खिलाफ निचली अदालत ने पक्षपातपूर्ण तरीके से सजा का फैसला सुनाया.
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नियमित हुई सुनवाई
बता दें कि इस चर्चित मामले की सात माह तक सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नियमित सुनवाई हुई. इसके बाद दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 जनवरी 2020 को ब्रजेश ठाकुर को पॉक्सो की धारा-6, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की धारा में दोषी करार दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करके यह मामला बिहार के मुजफ्फरपुर की जिला अदालत से साकेत कोर्ट में स्थानांतरित कराया था. पूरा मामला तब सामने आया था जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि बालिका गृह में लड़कियों का यौन उत्पीड़न हो रहा है.