अल्मोड़ा ( नेटवर्क 10 संवाददाता ) : बीते कई सालों से निर्माणाधीन अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. त्रिवेंद्र सरकार इसी साल जुलाई महीने से यहां कक्षाएं शुरू करने पर विचार कर रही थी, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा होने कारण और फैकल्टी की नियुक्ति नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज को अभी तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की मान्यता नहीं मिल पाई है. जिस कारण मेडिकल कालेज को संचालित करने का कार्य एक बार फिर अधर में लटक गया है.
बता दें कि साल 2004 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने अल्मोड़ा में 327 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद शासन ने साल 2009 में इसके निर्माण के लिए ब्रिडकुल एजेंसी को ठेका सौंपा, लेकिन ब्रिडकुल एजेंसी ने काम शुरू नहीं किया. ऐसे में साल 2012 में इसके निर्माण का ठेका यूपी निर्माण निगम को सौंपा गया. जिसके बाद यूपी निर्माण निगम ने इसका निर्माण शुरू किया.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आरजी नौटियाल ने बताया कि अभी तक निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के लिए शासन स्तर से 215 करोड़ रुपये जारी हो चुका है. यह निर्माण कार्य यूपी निर्माण निगम को साल 2016 में पूरा करना था, लेकिन बजट के अभाव व कार्यदायी संस्था की लापरवाही के कारण इस कार्य में तेजी नहीं आ पाई. उन्होंने बताया कि साल 2018 में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कार्यभार संभालने के बाद कार्य में तेजी आई. अभी बजट की कोई कमी नहीं है.
उन्होंने कहा कि शासन की ओर से स्वीकृत बजट में से 65 करोड़ रुपये अभी खर्च होना बाकी है. फिलहाल, मजदूरों की दिक्क्क्त के कारण कार्य लटक गया है. वहीं, मेडिकल कॉलेज के लिए फैकल्टी नहीं मिल पाई है, जिस कारण एमसीआई की ओर से इसे मान्यता नहीं मिल पाई है. उन्होंने बताया मेडिकल कॉलेज में अभी तक 75 से 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है.
वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण में बजट की कोई कमी नहीं है. कोरोना महामारी की वजह से मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में मजदूरों के अभाव के कारण काम रूका हुआ है. मेडिकल कॉलेज की शुरुवात इसी सत्र से होनी थी, ऐसे में अब कॉलेज का संचालन आगामी 2021 से शुरू होने उम्मीद है.