देहरादून: उत्तराखण्ड में दीपावली के अवकाश कोलेकर असमंजस व कशमकश का मंजर देखने को मिल रहा है। 24 घण्टे के अंदर शासन को छुट्टी सम्बन्धी आदेश में एक बार फिर फेरबदल करना पड़ा। अब 30 अक्टूबर के नये व ताजा आदेश के तहत शासन ने 31 अक्टूबर के साथ 1 को नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। साथ बैंक / कोषागार/उप कोषागार में भी दो दिन छुट्टी रहेगी।
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को जारी आदेश में 1 नवंबर के दीपावली अवकाश को रद्द करते हुए 31 अक्टूबर की छुट्टी का आदेश जारी किया गया था। उंस आदेश को बुधवार को फिर बदलना पड़ गया। दीपावली अवकाश को लेकर शासन स्तर पर जारी ऊहापोह चर्चा का विषय बन गया है। पूर्व में बदरी- केदार मंदिर कमेटी के धर्माधिकारी ने वक्तव्य जारी कर 1 नवंबर को दीपावली मनाए जाने की घोषणा की थी।
सदियों से उत्तराखण्ड में दीपावली मनाए जाने की तिथि बदरी केदार के विद्वान तय करते रहे हैं। बावजूद इसके शासन स्तर पर पूर्व से ही घोषित 1 नवंबर के दीपावली सार्वजनिक अवकाश में तब्दीली की गई। और 29 अक्टूबर को जारी आदेश में 1 नवंबर के बजाय दीपावली की छुट्टी 31 अक्टूबर को की गई।
इस आदेश की केदार के तीर्थ पुरोहित व पंडा समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। इसे प्राचीन परंपरा का उल्लंघन माना गया। सोशल मीडिया में भी दीपावली की दो तिथियों को लेकर भ्रामक स्थिति बनी रही।
केदारनाथ उपचुनाव को देखते हुए इस चर्चित प्रकरण पर राजनीति भो हावी होने लगी थी। इसे बीकेटीसी की परंपरा से खिलवाड़ भी करार दिया गया। और नौकरशाही के बार बार बदल रहे फैसले पर भी उंगलियां उठी।
बहरहाल, नये आदेश के बाद 31 व 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर सरकारी कर्मियों को एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी मिल गयी। यह सरकारी कर्मियों के लिए बल्ले बल्ले वाला दीपावली छुट्टी बोनस भी माना जा रहा है।