देहरादून (नेटवर्क 10 टीवी)। देशभर में लॉक डाऊन की सबसे बड़ी मार अगर कोई झेल रहा है तो वह है मजदूर वर्ग । जो हर रोज कमाते हैं और तभी दो वक्त की रोटी पाते हैं ।लेकिन कोरोना महामारी के बीच अब यह वर्ग सिर्फ और सिर्फ सरकार व सामाजिक संस्थाओं के भरोसे ही बैठा है । आज 38 दिन बीत गए हैं मजदूर अपने-अपने घरों से दूर अलग-अलग प्रान्तों में फंसे हुए हैं । हाथों को काम की उम्मीद में बैठे मजदूरों की उम्मीद को कोरोना आए दिन धूमिल कर रहा है । जिससे मजदूरों के चेहरे मुरझाए हुए हैं वह हैरान परेशान हैं मायूस हैं । लेकिन कुछ लोग हैं जो इनकी हर पीड़ा में बढ़चढ़कर साथ दे रहे हैं ।
देहारादून में यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के संस्थापक शशि भूषण मैठाणी व उनकी दो बेटियां बीते 38 दिनों से हर रोज मजदूरों की सेवा में लगे हैं । यह परिवार मजदूरों के घर-घर जाकर राशन बांट रहा है । लेकिन आज इन्होंने मजदूरों को राशन नहीं बाँटी वजह रही मजदूर दिवस …. जी हाँ आज राशन नहीं बल्कि इस परिवार ने इन्हें खुशियां बांटी है ।
बेटी यशस्विनी मैठाणी और मनस्विनी मैठाणी ने अपने हाथों से मजदूरों के लिए केक बनाया।
बेटी के बनाए हुए केक को लेकर समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी पहुंचे मजदूर परिवारों के बीच जिसके बाद उन्होंने मजदूरों को मजदूर दिवास के बारे में बताया और फिर उन्हीं से केक कटवा कर एक छोटी सी पार्टी का भी आयोजन किया जिसमें मजदूरों को केक के अलावा कोल्ड ड्रिंक, बिस्किट व मास्क दिए गए ।
शशि भूषण ने बताया कि पूरे राष्ट्र को मजदूर वर्ग की विशेष चिंता करनी होगी और इस वर्ग को भरपूर सम्मान देना होगा क्योंकि इन्हीं के मेहनतकश हाथों से सुंदर राष्ट्र का निर्माण होता है । मैठाणी ने कहा कि यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि मजदूरों व किसानों की हिम्मत न टूटे इस वर्ग का बराबर हौसला बढ़ाया जाना जरूरी है ।