देहरादून: रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम सभा जवाडी़ के निवासी प्रमोद डबराल जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। गढ़वाल राइफल दो के जवान प्रमोद डबराल जम्मू कश्मीर में तैनात थे। उनका पार्थिव शरीर सैन्य जवानों की अगुवाई में आज सुबह जवाड़ी गांव लाया गया। यहां परिवार जनों के साथ ही ग्रामीणों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए। यहां से जवान के शव को अंतिम संस्कार के लिए मंदाकिनी-अलकनंदा नदी के संगम ले जाया गया। शहीद के बड़े भाई नरेश डबराल ने उन्हें मुखाग्नि दी। शहीद अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो साल की बच्ची का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
बता दें कि रुद्रप्रयाग शहर से सटे गांव जवाड़ी निवासी प्रमोद डबराल (30 वर्ष) में देश के लिए शहीद हो गए हैं। बीती 12 सितंबर को आर्मी बस की छत पर ड्यूटी करते समय करंट लगने से वे झुलस हो गए थे। जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित किया। आर्मी के जवान आज सुबह उनके पार्थिव शरीर को जवाड़ी गांव लाए, जहां पहले से मौजूद सैकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीण जोर-जोर से रोने लगे। परिजनों और ग्रामीणों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए।
शहीद के शव को गांव से पैदल अलकनंदा-मंदाकिनी के संगम तट पर लाया गया। उनके बड़े भाई राजेन्द्र डबराल ने उन्हें मुखाग्नि दी। छोटी सी उमर में नायक प्रमोद डबराल के शहीद होने से माता शांति देवी, पिता राजेन्द्र डबराल, पत्नी प्रिया सहित बहिन किरण और नीतू का रो-रोकर बुरा हाल है।