देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता ): लद्दाख के सीमांत क्षेत्र में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच उत्तराखंड सरकार ने भी अहम फैसला लिया है। चीन सीमा से सटे इस राज्य में चीनी कंपनियों को टेंडर में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। साथ ही सरकारी कार्यों में चीन के सामान का भविष्य में उपयोग नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार चीनी सामान के उपयोग को हतोत्साहित करने का फैसला ले चुकी है।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चीन के विभिन्न मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगने के बाद देश में स्वदेशी एप बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चीनी कंपनियों के बिजली मीटर पर पाबंदी जैसे कदमों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीनी सामान का उपयोग नहीं करने के बारे में फैसला ले चुकी है। चीन निर्मित ऐसा सामान जो पहले लिए गए फैसले के मुताबिक इस्तेमाल की प्रक्रिया में है, केवल उसे छूट होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के जरिये कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों को अवसर में बदल दिया है। 20 लाख करोड़ के पैकेज ने तस्वीर बदल दी है। एमएसएमई को कई रियायतों के साथ गरीबों, किसानों और श्रमिकों के लिए कई कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने में बड़ी मदद की है। उत्तराखंड में ही मनरेगा में 36 हजार नए व्यक्तियों को काम उपलब्ध कराया गया है।