उत्तराखंड विधानसभा में 5013 करोड़ रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट पेश

गैरसैंण: राज्य विधानसभा के दूसरे दिन आज सदन के पटल पर पांच हजार तेरह करोड़ रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया गया। इस अनुपूरक बजट में लगभग तीन हजार सात सौ छप्पन करोड़ राजस्व पक्ष में और लगभग एक हजार दो सौ छप्पन करोड़ रुपए पूंजीगत पक्ष में है। केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत एक हजार पांच सौ इक्कतीस करोड़ रुपए और बाह्य सहायतित योजनाओं के तहत दो सौ तिहत्तर करोड़ रुपए का प्रावधान इस अनुपूरक बजट के माध्यम से किया गया है। बजट में आपदा प्रबंधन विभाग के तहत एसडीआरएफ, समग्र शिक्षा, सूचना विभाग, शहरी विकास के अन्तर्गत नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है।

अनुपूरक बजट में वाइब्रेंट विलेज योजना पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। सदन के दौरान विपक्ष ने उत्तराखंड विधानसभा में विभिन्न सत्रों की कम समय अवधि का मामला उठाया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि विधानसभा सत्र के कम चलने से जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती है। जनहित से जुड़े कई सवाल और मुद्दे बिना उत्तर दिए रह जाते हैं। विपक्ष ने नियम 299 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया और सरकार से इस पर जवाब मांगा। हालांकि सरकार की तरफ से आये जवाब पर संतोष जताते हुए पीठ ने नोटिस को खारिज कर दिया। विपक्ष ने पीठ के निर्णय से नाराजगी जताते हुए हंगामा किया।

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने शून्य काल में सदन की कम समय अवधि का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि संसद समेत देश भर की विधानसभाओं में तीन सत्र के आयोजन का प्रावधान है। इस दौरान कम से कम 60 दिन सदन के संचालन होता है।

विपक्ष की ओर से उठाये गये मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सदन के कामकाज को बाधित किया जाता है। कम समय अवधि पर सवाल उठाना उचित नहीं है। श्री अग्रवाल ने कहा कि सदन की कार्यवाही का समय बिजनेस के आधार पर तय होता है। बिजनेस नहीं है तो सदन में बैठे रहने से कोई लाभ नहीं है।

अनुपूरक बजट 2024-25 के मुख्य बिन्दु

अनुपूरक बजट 2024-25 का आकार लगभग रू0 5013.05 करोड़ है जिसमें लगभग रू0 3756.89 करोड़ राजस्व पक्ष में तथा लगभग रू0 1256.16 करोड़ पूंजीगत पक्ष में है।

केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत रू0 1531.65 करोड़ तथा बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत रू0 273.17 करोड़ का प्राविधान इस अनुपूरक बजट के माध्यम से किया गया है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानः-

  • आपदा प्रबन्ध विभाग के अन्तर्गत एसडीआरएफ हेतु रू0 718.40 करोड़
  • समग्र शिक्षा के अन्तर्गत रू0 697.90 करोड़
  • एस०डी०एम०एफ० के अन्तर्गत रू0 229.6 करोड
  • सूचना विभाग के अन्तर्गत रू0 225 करोड़
  • शहरी विकास के अन्तर्गत नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण हेतु बाह्य सहायतित योजनाओं में रू0 192.00 करोड़
  • पेयजल विभाग में सिवरेज मैनेजमेंट कार्यों हेतु धनराशि के रिंग फेंसिंग किये जाने हेतु रू0 120 करोड़
  • गैर-सरकारी महाविद्यालयों को सहायता अनुदान 100.03 करोड़
  • अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (पेंशनर) के अन्तर्गत रू0 100 करोड़
  • शहरी विकास के अन्तर्गत ई०डब्ल्यू०एस० आवासों हेतु रू0 96.76 करोड़
  • वाइब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत लगभग रू0 130 करोड़
  • अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण के अन्तर्गत रू0 71 करोड़
  • मातृत्व लाभ योजना (प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना) मिशन शक्ति-सार्मथ्य के अन्तर्गत रू0 70 करोड़
  • यूनिटी मॉल / प्लाजा निर्माण के अन्तर्गत रू0 69 करोड़
  • यू०जे०वी०एन०एल० में ऋण (एस०ए०एस०सी०आई०) के अन्तर्गत रू0 61 करोड़
  • यू०पी०सी०एल० परियोजनाओ हेतु ऋण (एस०ए०एस०सी०आई०) के अन्तर्गत रू० 61 करोड
  • उत्तराखंड निवेश एवं आधिकारिक संरचना विकास निधि (यू०आई०आई०डी०एफ) के अन्तर्गत रू0 52 करोड
  • अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत रू0 50 करोड़
  • प्रदेश के मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण कार्य के अन्तर्गत रू0 50 करोड़
  • पी०एम०जी०एस०वाई० से बनी सड़कों का अनुरक्षण के अन्तर्गत रू0 50 करोड़
  • नाबार्ड पोषित मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण हेतु रू0 50 करोड
  • टिहरी झील के विकास हेतु रू0 50 करोड़
  • स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज अधिष्ठानों को समनुदेशन के अंतर्गत लगभग रू0 46 करोड़
  • प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के अन्तर्गत रू0 40.95 करोड़
  • नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजनाओं के अन्तर्गत रू0 40 करोड़
  • विभिन्न विभागों के अन्तर्गत पी०एम० जनमन योजना हेतु लगभग रू0 44.11 करोड
  • प्रधानमंत्री आवास योजना वन टाइम लोन के अन्तर्गत रू0 35.83 करोड
  • एन०ई०पी० के अंतर्गत पी०एम०श्री योजना के अन्तर्गत रू0 76.22 करोड़
  • गौ सदन के निमार्ण हेतु रू0 32 करोड़
  • राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत रू0 36.18 करोड़
  • स्टॉम्प एवं पंजिकरण विभाग के अन्तर्गत रू0 27.58 करोड
  • यू० जे०वी०एन०एल० में निवेश (एस०ए०एस०सी०आई०) 26 करोड़
  • यू०पी०सी०एल० परियोजनाओ मे निवेश (एस०ए०एस०सी०आई०) के अन्तर्गत रू० 26 करोड़
  • राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा आवासीय / अनावासीय भवन निर्माण के अन्तर्गत रू० 25 करोड़
  • पुलिस कर्मियों के लिए आवास हेतु रू0 25 करोड़
  • नर्सिंग कालेजों की स्थापना (अनावासीय) के अन्तर्गत रू0 25 करोड़
  • सहकारी, सार्वजनिक एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलो को पी०पी०पी० हेतु वी०जी०एफ० के अन्तर्गत रू0 25 करोड़
  • सिंचाई विभाग में अन्य रख रखाव की मद के अन्तर्गत रू0 25 करोड़
  • वनों की सुरक्षा एव प्रबंधन के अन्तर्गत रू0 25 करोड़
  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु रू0 20 करोड
  • उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना हेतु लगभग रू0 20 करोड
  • डेरी विकास परियोजना हेतु रिवाल्विंग फण्ड हेतु रू0 15.00 करोड़
  • हाउस ऑफ हिमालयाज को एक सशक्त ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने हेतु रू0 10.00 करोड़
  • पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम द्वारा बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु रू0 15 करोड
  • परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों हेतु निशुल्क यात्रा सुविधा हेतु रू0 12 करोड
  • प्रदेश के समस्त जनपदों में हवाई सम्पर्क सैचुरेशन हेतु उड़ान योजना के अन्तर्गतरू0 10.00 करोड़
  • साईलेज एवं दुधारू पशु पोषण योजना हेतु रू0 10 करोड
  • मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि के अन्तर्गत रू0 8.00 करोड़
  • सेतु आयोग हेतु रू0 7.80 करोड़
  • काशीपुर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु रू0 5.75 करोड़
  • मुख्यमंत्री उड़न खटोला योजना के अन्तर्गत रू0 5.00 करोड़
  • विद्या समीक्षा केन्द्र हेतु रू0 5.00 करोड़
  • राजकीय वृद्ध आश्रम का भवन निर्माण हेतु रू0 5.00 करोड़
  • पी०एम०ई० बस सेवा स्कीम अन्तर्गत देहरादून एवं हरिद्वार में इलेक्ट्रीक बसों के संचालन हेतु लगभग रू0 5.00 करोड़
  • आईस स्केटिंग रिंग के संचालन हेतु एक बारगी (वन टाईम) अनुदान के रूप में रू0 5.00 करोड़
  • मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना हेतु रू0 6 करोड
  • मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना हेतु रू0 2 करोड
  • वर्ल्ड आयुर्वेदा कांग्रेस एवं एक्सपों के आयोजन हेतु रू0 2 करोड
  • प्रधानमंत्री मातृत्व योजना हेतु लगभग रू० लगभग 44 करोड

 

 

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