लक्ष्य सेन ने जल्दबाजी में हुई गलतियों को हार की वजह बताया

देहरादून: पेरिस ओलंपिक में नया इतिहास रचकर लौटे शटलर लक्ष्य सेन को ग्राफिक एरा ने 25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। लक्ष्य सेन पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जो ओलंपिक में बैडमिंटन सिंगल्स में पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंचे थे। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के छात्र व ओलंपिक खिलाड़ी लक्ष्य सेन का आज विश्वविद्यालय पहुंचने पर जोरदार अभिनंदन किया गया। लक्ष्य ने ओलम्पिक के सेमी फाइनल हारने की वजह जल्दबाजी में हुई अपनी गलतियों को बताया।

देश के गौरव एवं ग्राफिक एरा के एमबीए के छात्र लक्ष्य सेन आज अपने परिवार के साथ अपने विश्वविद्यालय पहुंचे। अवकाश होने के बावजूद अपने चहेते लक्ष्य सेन के स्वागत के लिए शिक्षक और छात्र छात्राएं आज बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय पहुंचे थे। ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कंवेंशन सेंटर पहुंचने पर लक्ष्य सेन का ढोल नगाड़ों और फूलों की वर्षा करके स्वागत किया गया।

मूल रूप के उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी शटलर लक्ष्य सेन ने अभिनंदन समारोह में कहा कि सेमी फाइनल की शुरुआत में वह अच्छा खेल रहे थे। उनके जीतने के चांस भी थे, लेकिन उन्होंने कुछ गलतियां की, जिनकी वजह से मैच हाथ से फिसल गया। लक्ष्य सेन ने देश भर से मिले प्रेम और शुभकामनाओं के लिए सबका आभार व्यक्त किया।

उन्होंने देश में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए हर स्तर पर सपोर्ट देने की पैरवी करते हुए कहा कि केवल बड़े मुकाबलों के लिए ही नहीं, बल्कि छोटे स्तर से सपोर्ट करना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा। लक्ष्य सेन ने कहा कि ओलंपिक खेलों से उन्हें जो अनुभव मिला है, उसका लाभ उन्हें भविष्य में होने वाले मुकाबलों में मिलेगा। उन्होंने युवाओं को स्वस्थ रहने के लिए घर का खाना खाने की सलाह दी।

समारोह में ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि ओलम्पिक खेलों में पहली बार मेन्स सिंगल्स में सेमी फाइनल तक पहुंच कर इतिहास रचने वाले शटलर लक्ष्य सेन देश और ग्राफिक एरा का गौरव हैं। लक्ष्य सेन ने अपने सामर्थ्य, कौशल और जुनून से पूरे देश के लोगों का दिल जीत लिया है। महज 23 साल की उम्र में युवा शटलर लक्ष्य सेन ने बैडमिन्टन के बड़े से बड़े खिलाड़ी को मात देने में कामयाबी हासिल की है।

डॉ घनशाला ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में लक्ष्य सेन दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों में एक होंगे और एक के बाद एक गोल्ड जीतेंगे। ओलम्पिक खेलों का उनका यह पहला तजुर्बा है, यह सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में उनका मददगार साबित होगा। उनके इस सफर में ग्राफिक एरा उनके साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने खुशी जाहिर की कि इस बार ओलम्पिक खेलों में ग्राफिक एरा के पांच छात्र-छात्राएं देश की ओर से खेले।

समारोह में डॉ कमल घनशाला और ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की वाइस चेयरपर्सन राखी घनशाला ने लक्ष्य सेन को 25 लाख रुपये का चैक भेंट करने के साथ ही फूलों और शॉल से उनका अभिनंदन किया। लक्ष्य सेन ने शिक्षकों और बच्चों के साथ सैल्फी भी ली।

अभिनंदन समारोह को लक्ष्य की माता निर्मला धीरेंद्र सेन और लक्ष्य के पिता डीके सेन ने भी सम्बोधित किया। लक्ष्य के माता पिता के साथ उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन एसोसिएशन के महासचिव बीएन मनकोटी का भी ग्राफिक एरा ने अभिनंदन किया। समारोह ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

 

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