नई दिल्ली (नेटवर्क 10 संवाददाता ): देशभर में ट्रेनों के निजीकरण (Privatization of Trains) को लेकर बहस छिड़ी हुई थी. लेकिन इसी बीच रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) का एक बयान सामने आया है. इस बयान में साफ़ तौर पर कहा है कि रेलवे का किसी भी प्रकार से निजीकरण नहीं किया जा रहा है. वर्तमान में चल रही रेलवे की सभी सेवायें वैसे ही चलेंगी जैसे चल रही थीं. बता दें रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने 109 रुट्स पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए प्राइवेट पार्टीज को इनविटेशन दिया था. जिसमें प्राइवेट पार्टीज को 30 हजार करोड़ का निवेश करना था. इसके बाद से ही ट्रेनों के निजीकरण को लेकर चर्चा होने लगी थीं.
रेलमंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्वीट किया, ‘रेलवे का किसी भी प्रकार से निजीकरण नहीं किया जा रहा है. वर्तमान में चल रही रेलवे की सभी सेवायें वैसे ही चलेंगी. निजी भागीदारी से 109 रूट पर 151 अतिरिक्त आधुनिक ट्रेनें चलाई जायेंगी. जिनका कोई प्रभाव रेलवे की ट्रेनों पर नही पड़ेगा, बल्कि ट्रेनों के आने से रोजगार का सृजन होगा.’
वर्तमान ट्रेनों और टिकटों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
बता दें कि रेलवे ने पैसेंजर ट्रेन सर्विस ऑपरेट करने के लिए प्राइवेट पार्टी के लिए दरवाजे खोल दिए हैं. 109 डेस्टिनेशन रूट पर अब प्राइवेट कंपनी ट्रेन ऑपरेट कर पाएंगी. इससे 30 हजार करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट की संभावना है. पैसेंजर ट्रेन संचालन के लिए पहली बार भारतीय रेलवे ने प्राइवेट इन्वेस्टमेंट का रास्ता साफ किया. ये सभी ट्रेन कम से कम 16 कोच की होंगी. इन सारी ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किलो मीटर/ घंटा है. प्राइवेट ट्रेनें उन रूटों पर चलाई जाएंगी, जहां वर्तमान में डिमांड सप्लाई से ज्यादा है. इससे वर्तमान ट्रेनों और टिकटों पर भी कोई प्रभाव नहीं होगा. मॉडर्न ट्रेन चलाने का मकसद मॉडर्न टेक्नॉलजी द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाना है.
ट्रेन का किराया तय करेंगी प्राइवेट कंपनियां
रेलवे ने यह प्राइवेट कंपनियों पर छोड़ा है कि वह ट्रेन का किराया तय करें. इसके अलावा रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए वे अलग-अलग तरह के विकल्पों के बारे में विचार करने और फैसला करने में स्वतंत्र होंगे. इस पहल का उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी रोलिंग स्टॉक को कम रखरखाव, कम पारगमन समय, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, सुरक्षा को बढ़ाना, यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करना और यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग की आपूर्ति की कमी को कम करना है.