हरदा के प्रदर्शनों की हुंकार से जागी कांग्रेस, एक्टिव मोड में आये प्रीतम सिंह

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता): लॉकडाउन के दौरान हरीश रावत अपने दिल्ली आवास पर मौजूद थे, लेकिन जैसे ही केंद्र में दूसरे राज्यों में जाने की गाइडलाइन जारी की उसके अगले ही दिन हरीश रावत उत्तराखंड पहुंच गये. यही नहीं जिस दिन से हरीश रावत देहरादून पहुंचे हैं उसी दिन से वे लगातार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठै हैं. हरीश रावत की सक्रियता ने न केवल बीजेपी परेशान है बल्कि उनकी पार्टी पर भी इसका असर साफ तौर से देखा जा सकता है. शायद यही कारण है कि शांत बैठी कांग्रेस को अब अपनी रणनीति बदल कर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है.

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश की राजनीति मानो थम सी गई थी. इस दौरान राज्य सरकार प्रदेश की जनता को बचाने की कवायद में जुट गई थी. वहीं, बात अगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की करें तो वो भी कोरोना काल में शांत ही नजर आई. मगर जब से प्रदेश में हरदा की एंट्री हुई है तबसे राज्य की राजनीति सातवें आसमान पर है. पहले तो हरीश रावत एकला चलो की राह पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे थे. मगर अब उनकी सक्रियता को देखते हुए लगता है कि कांग्रेस भी अब सरकार से फ्रंटफुट पर लड़ने को तैयार है. यही कारण है कि अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी सक्रिय हो गए हैं. वे राज्य सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करने लगे हैं.

कांग्रेस और प्रीतम सिंह की सक्रियता को लेकर जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पहले से ही राज्य में एक्टिव है. प्रीतम सिंह ने कहा कोरोना के पहले दिन से ही कांग्रेस सड़कों पर है. उन्होंने कहा आने वाले दिनों में कांग्रेस खुलकर राज्य सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी.

अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस: भाजपा
वहीं, भाजपा के मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि कांग्रेस संगठन के भीतर गृह युद्ध तेज हो गया है. वर्तमान में यह साफ तौर से देखा जा सकता है कि हरीश रावत एक तरफ जाते हैं तो प्रीतम सिंह दूसरी तरफ. जिसके कारण कांग्रेस हाईकमान भी नाराज है. उन्होंने बताया कि अगर कांग्रेस के भीतर सक्रियता बढ़ी होती तो कांग्रेस हाईकमान खुश होता, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की प्रतिक्रिया इस बात की ओर इशारा कर रही है कि कांग्रेस का कलह अब सड़कों पर आ गई है. उन्होंने कहा कांग्रेस अब आपस और अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है.

राजनीति में सक्रियता है जरूरी.
इस मामले में राजनीतितक मामलों के जानकार जय सिंह रावत बताते है कि राजनीति में सक्रियता बहुत जरूरी है. ऐसे में अगर राजनीति में कोई भी विपक्षी दल सक्रिय होता है तो उसका असर दूसरे राजनीतिक दलों में देखने को मिलता है. उन्होंने कहा जब सरकार थोड़ी भी लापरवाह होती है तो उस दौरान विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में जुट जाता है. इसके बाद सरकार भी अलर्ट हो जाती है. इसी तरह अगर किसी भी पार्टी में दो गुट हैं और उन दोनों गुटों में से एक गुट सक्रिय हो जाता है तो दूसरे गुट को भी सक्रिय होना पड़ता है.

हरीश रावत की सक्रियता के बाद प्रतिद्वंदी गुट हुआ सक्रिय
राज्य में कांग्रेस की सक्रियता को लेकर जय सिंह बताते हैं कि हरीश रावत के सक्रिय होने के बाद कांग्रेस को तो सक्रिय होना ही था. उन्होंने बताया उत्तराखंड कांग्रेस में कई गुट हैं. जो हदरा के एक्टिव होते ही सक्रिय हो गये हैं. उन्होंने कहा हरीश रावत की सक्रियता से बीजेपी भी परेशान है क्योंकि, बीजेपी को भी हरदा से कद का अंदाजा है. यही नहीं कांग्रेस के भीतर किस तरह से हरीश रावत की काट करनी है ये भी बीजेपी के सूरमा जानते हैं. हरीश रावत के प्रतिद्वंदी की सक्रियता इसी का कारण है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *