Kanpur Encounter: हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गुर्गे ने किया अहम खुलासा

(नेटवर्क 10 संवाददाता): कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) केस के मुख्य आरोपी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने नेपाल बॉर्डर (Nepal Border) तक अलर्ट जारी कर दिया है. यूपी पुलिस के आठ पुलिसकर्मियों पर बुजदिली से हमला करने वाले विकास दुबे से जुड़े लोगों को भी पुलिस ने रिमांड पर लेने शुरू कर दिया है.

दुबे के गुर्गे ने किया अहम खुलासा

इस बीच पुलिस ने आज यानी रविवार को विकास दुबे के एक साथी को गिरफ्तार किया, जो कि पुलिस पर किए गए हमले के दौरान उसके साथ था. इस अपराधी का नाम दया शंकर अग्निहोत्री है. पुलिस ने दया शंकर को थाना कल्यानपुर कानपुर नगर क्षेत्र के शिवली रोड से जवाहरपुरम को जाने वाली रोड पर मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया. पुलिस के साथ हुई इस मुठभेड़ में बदमाश के पैर में घुटने के पास गोली लगी है. शंकर पर 25 हजार रुपए का इनाम था.

जांच अधिकारियों द्वारा पूछताछ में शंकर ने कई अहम खुलासे किए हैं. शंकर ने जांच अधिकारियों को बताया कि विकास दुबे ने 25-30 आदमियों को फोन करके बुलाया था. सभी के पास असलहे थे. उसने यह भी बताया कि पुलिस रेड से पहले दुबे को एक फोन आया था, जिसके बाद ही उसने अपने गुर्गों को बुलाया था. उसने अंदेशा जताया कि यह फोन पुलिस थाने से भी हो सकता है. शंकर ने पुलिस से कहा कि खुद विकास दुबे भी पुलिस पर फायरिंग कर रहा था. जिस बंदूक से दुबे फायरिंग कर रहा था वह शंकर के नाम पर थी.

नेपाल भागने की आशंका

विकास दुबे को पकड़ने के लिए 40 थानों की पुलिस जुटी हुई है. शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस और एसटीएफ की 20 टीम और 3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगे हैं. मॉस्ट वांटेड विकास दुबे पर एक लाख रुपये का इनाम है. नेपाल भागने की आशंका के मद्देनजर पड़ोसी देश से सटे सात जिलों को हाई अलर्ट किया गया है.

500 लोगों के फोन सर्विलांस पर

विकास दुबे के परिवार समेत करीब 500 लोगों के फोन को सर्विलांस पर डाला गया है. उसके करीबियों पर पुलिस की कड़ी निगरानी है. यूपी डीजीपी ने बताया कि 75 जिलों की पुलिस विकास दुबे और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए अलर्ट पर है.

डीजीपी द्वारा विकास दुबे से जुड़े मुकदमे और उसकी गिरफ्तारी के लिए चल रहे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी एडीजी क्राइम के एस प्रताप कुमार को सौंपी है. साथी ही एडीजी एलओ प्रशांत कुमार, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश भी ऑपरेशन से जुड़े हुए हैं.

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