देहरादून के ‘विंडलास रिवर वैली हाउसिंग’ प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण, बैंक ने किया कब्जा

(नेटवर्क 10 संवाददाता ): देहरादून के कुआंवाला में निर्माणाधीन ‘विंडलास रिवर वैली हाउसिंग टाउनशिप’ में फ्लैट खरीदने वाने निवेशकों को जोर का झटका लग सकता है। करोडों का बैंक लोन न चुका पाने पर ‘पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड’ (पीएनबीएचएफएल) ने इस टाउनशिप प्रोजेक्ट को होल्ड कर इस पर कब्जा ले लिया है। लगभग 38 एकड़ में फैले इस टाउनशिप प्रोजेक्ट की सम्पत्ति को लेकर कोई भी लेनदेन अब पीएनबीएचएफएल के अधीन ही होगा। इस कार्रवाई से सैकड़ों निवेशकों में हड़कम्प मचा हुआ है।

‘विंडलास डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड’ कम्पनी ने कुछ साल पहले कुआंवाला-हर्रावाला, देहरादून में ‘विंडलास रिवर वैली हाउसिंग टाउनशिप’ प्रोजेक्ट शुरू किया। इसके लिए पूरे उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक जबरदस्त प्रचार अभियान चलाया गया। प्रचार के दौरान विंडलास डवलपर्स ने दावा किया कि उसका यह प्रोजेक्ट उत्तर भारत का लार्जेस्ट और र्स्माटेस्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट होगा। इसमें भारत की नदियों गंगा, गोमती, कावेरी, यमुना, नर्मदा, अलकनन्दा और भागीरथी नाम के अपार्टमेंट होंगे, जिनमें 1, 2, 3, 4 बीएचके फ्लैट व पैंटाहाउस ग्राहकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य और राज्य के बाहर के सैकड़ों ग्राहकों ने इस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए निवेश किया, जिसमें से कुछ को फ्लैट पर निवेशकों को कब्जा भी मिल चुका है। प्रोजेक्ट का अधिकांश हिस्सा अभी भी निर्माणाधीन है। अधिकांश निवेशकों से किया गया वायदा कम्पनी समय पर पूरा करने में असफल रही है।

अब इसी बीच खबर आई है कि पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने इस प्रोजेक्ट को होल्ड कर दिया है और निर्माणाधीन सम्पत्ति को अपने कब्जे में ले लिया है। पीएनबीएचएफएल के मुताबिक ‘विंडलास डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड’ उसका करोड़ों का ऋण नहीं चुका पा रही है। इसके लिये बीते 10 फरवरी को विंडलास डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्जदाता और गारंटीदाताओं प्रणव रस्तोगी, सुधीर कुमार विंडलास और प्रदीप कुमार विंडलास को नोटिस भेजकर लोन की लगभग 40 करोड़ की राशि 60 दिन के भीतर अदा करने को कहा। ऐसा न करने पर अब पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने निर्माणाधीन विंडलास रिवर वैली हाउसिंग टाउनशिप प्रोजेक्ट हो होल्ड करने और उसकी सम्पत्ति को कब्जे में लेने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में विंडलास डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

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