उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में 3.50 लाख मतदाता नहीं दे पाएंगे वोट, जानिए वजह…

देहरादून: निर्वाचन आयोग ने बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) के जरिए मतदान से पूर्व मतदाताओं तक वोटर स्लिप पहुंचाने की व्यवस्था की है। इसके तहत एक सप्ताह से राज्य के सभी जिलों में बीएलओ घर- घर जाकर स्लिक उपलब्ध करवा रहे।उत्तराखंड लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में शामिल उत्तराखंड के दस जिलों में 3.53 लाख के करीब वोटर, चुनाव आयोग को दिए गए पते पर नहीं मिले हैं।

इन मतदाताओं के घर पर नहीं मिलने के पीछे पलायन को मुख्य वजह माना जा रहा है।निर्वाचन आयोग ने बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) के जरिए मतदान से पूर्व मतदाताओं तक वोटर स्लिप पहुंचाने की व्यवस्था बनाई है। इसके तहत पिछले एक सप्ताह से राज्य के सभी जिलों में बीएलओ घर घर जाकर मतदाताओं को वोटर स्लिप उपलब्ध करा रहे हैं।लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे वोटर हैं जो बीएलओ को घर पर नहीं मिल रहे हैं। एक बार वोटर के न मिलने पर कई स्थानों पर बीएलओ दो और तीन बार भी स्लिप देने पहुंच रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद वोटर नहीं मिल रहे हैं।

ऐसे में माना जा रहा है कि यह वे मतदाता हैं जिनके नाम तो मतदाता सूची में दर्ज हैं लेकिन वास्तव में वे रोजगार या अन्य वजहों से शहरों में पलायन कर गए हैं। विदित है कि राज्य में कुल 83 लाख के करीब मतदाता हैं।

नहीं मिल रहे ये मतदाता…

  • पिथौरागढ़ 75,273
  • देहरादून 45,700
  • बागेश्वर 43,600
  • टिहरी 41,000
  • पौड़ी 37,451
  • अल्मोड़ा 36,090
  • हरिद्वार 32441
  • चंपावत 22,660
  • यूएसनगर 15, 073
  • रुद्रप्रयाग 4000
  • कुल 3,53,288

 

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