देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को अपने समर्थकों के साथ मिलकर राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। हरीश रावत ने बैलगाड़ी की सवारी की और उनके पीछे पीछे दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ये प्रदर्शन डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने के खिलाफ किया गया। इस प्रदर्शन में केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर आरोप प्रत्यारोपों के साथ रैली की शक्ल में कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने चहेते नेता हरीश रावत के पीछे पीछे चल रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे।
आपको बता दें कि हरीश रावत 21 दिन पहले दिल्ली से देहरादून लौटे थे। कल रविवार को उनका कोरेंटीन पीरियड खत्म हुआ। ये तारीफ ए काबिल है कि रावत ने खुद ही खुद को कोरेंटीन करने का फैसला किया था और वे 21 दिन तक होम क्वाररेंटीन रहे।
रविवार को क्वारेंटीन अवधि पूरे होने पर हरदा ने ऐलान किया कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखेंगे और सोमवार से अपने नित्य कार्यक्रम शुरू करेंगे। उन्होंने कहा था कि वे सबसे पहले भगवान भोले के दर पर जाएंगे।
सोमवार को हरदा ने ऐसा ही किया। वे रायपुर में भोले के मंद्रि में माथा टेकने के बाद कार्यकर्ताओं क ेबीच गए। लेकिन वे भूल गए सोशल डिस्टेंसिंग की बात। मंदिर से निकले के बाद कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूलों के बुके भेंट किए, मालाएं पहनाईं। इस दौरान किसी ने भी सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं रखा। और तो और खुद हरदा ने भी नहीं।
इसके बाद जब बैलगाड़ी पर हरीश रावत सवार हुए तो उनके साथ कुछ और लोग भी बैलगाड़ी में बैठे। किसी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा। इससे पहले जब हरीश रावत ने मंदिर में पूजा अर्चना की तो वहां भी लोग उनके साथ ही चिपके हुए थे।
हम तो बस यही कहेंगे कि हरदा क्या आप भी हाथी हो, जो खाने के दांत और, और दिखाने के और?