बागेश्वर (नेटवर्क 10 संवाददाता)। बागेश्वर जिले के गरुड़ में एक पहाड़ी युवा ने स्वरोजगार की अलख जगा रही है। ये युवा इलाके के तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल बना हुआ है। कोरोनाकाल में महानगरों से अपने गांव लौटे प्रवासी युवाओं के लिए बागेश्वर के गरूड़ निवासी उपेद्र जोशी स्वरोजगार की एक मिसाल बन गये हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट उपेंद्र जोशी तराई में नौकरी के लिए गये, लेकिन मन मुताबिक रोजगार न मिलने से उपेद्र अपने गांव लौट आये। उपेंद्र ने गांव में लघु उद्योग के रूप में मसाला उद्योग लगाया और इसके बाद उनकी सोच बदल गयी और आज वो अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं।
गरूड़ तहसील के #मटेना गांव निवासी 25 वर्षीय युवा उपेंद्र जोशी ने राजनीति शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन हैं। उन्होंने जैविक मसालों की पिसाई के लिए चक्की लगाकर लघु उद्योग की शुरूआत की। काश्तकारों से उन्होंने पहाड़ी हल्दी, मिर्च, धनिया, जीरा और तेजपत्ता खरीदना शुरू किया तो काश्तकारों की आय में वृद्वि होने लगी। उपेन्द्र शुद्ध पहाड़ी मसालों का अच्छा खासा व्यापार कर साल में तीन लाख रूपये तक कमा रहे हैं। उपेंद्र का कहना है कि पहाड़ में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, जरूरत है तो सिर्फ धैर्य और मेहनत की।
उपेंद्र का कहना है कि वर्तमान में उत्तराखंड सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना चलाई गई है। उन्होंंने युवाओं का आह्वान कर कहा कि सभी युवाओं को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए और घर बैठे ही स्वरोजगार शुरू करना चाहिए। ये योजना पलायन रोकने और युवाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ साथ उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने में कारगर सिद्ध होगी।