(नेटवर्क 10 संवाददाता ): केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) को क्लीनिकल प्रोटोकॉल में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों के इलाज के लिए शामिल किया है. बता दें डेक्सामेथासोन के कंपोजिशन वाली दवाई मिथाइलप्रेडनिसोलोन (Methylprednisolone) पहले से कोरोना के मरीजों को दी जा रही थी. पर अब ग्लूकोकोर्टिकोस्टेरॉइड डेक्सामेथासोन को मिथाइलप्रेडनिसोलोन के विकल्प के तौर पर मरीजों को दिया जा सकता है.
सीरियस पेशेंट्स को बचाने में कामगार
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के परिणामों के मुताबिक सस्ते और आसानी से उपलब्ध एंटी-इंफ्लेमेटरी स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) का उपयोग गंभीर रूप से कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है और इसके इस्तेमाल से वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों की मौत के मामले में एक तिहाई तक की कमी देखी गई है, वहीं ऑक्सीजन बेड के मरीजों में पांच में से एक मरीज को बचाया जा सका है.
इमर्जिंग इन्फेक्शस डिसीज के प्रोफेसर पीटर हॉर्बी का कहना है कि “डेक्सामेथासोन कोविड-19 में जान बचाने वाली पहली दवा है.”
ट्रायल के तौर पर वेंटिलेटर पर रहने वाले जिन मरीजों को डेक्सामेथासोन दी गई, उनकी मौत के आंकड़ों में एक तिहाई तक की कमी आई. वहीं जिन मरिजों को ऑक्सिजन दी जा रही थी, उनपर भी डेक्सामेथासोन के उपयोग के बात मौत के मामलों में कमी देखी गई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के मुताबिक WHO का कहना है कि डेक्सामेथासोन दवा को सिर्फ सीरियस कोरोना पेशेंट्स के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
भारत में कोरोना की स्थिति
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से इन दिनों भारत (India) समेत दुनिया (World) के कई देश जूझ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना पीड़ितों की कुल संख्या 5,08,953 हो गई है और 15,685 मरीजों की मौत हुई है. देश में फिलहाल 1,97,387 एक्टिव केस हैं और 2,95,881 लोग ठीक हो चुके हैं. वहीं दुनियाभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) पॉजिटिव मामलों का आंकड़ा 97 लाख के ऊपर जा चुका है. साथ ही 4 लाख 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.