पुलिस लाइनों से थानों को भी बुलेट प्रूफ जैकेट और अन्य सुरक्षा उपकरण आवंटित किए जाएंगे। इस संबंध में मंगलवार को एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने विस्तृत दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन सुरक्षा उपकरणों के साथ शस्त्रों का भी समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि दबिश में केवल अनुभवी कर्मचारियों को भेजा जाए।
थानों में मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों को वार्षिक फायरिंग का अभ्यास भी कराया जाए। जिस जगह दबिश दी जा रही है वहां की स्थानीय पुलिस को जरूर सूचना दी जाए। मसूरी में हुई मुठभेड़ के मामले में पुलिस मुख्यालय ने भी माना है कि वहां पर बड़ी चूक हुई है। यदि पर्याप्त सतर्कता बरती जाती तो इतनी बड़ी घटना न होती। हो सकता है कि आरोपी को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया जाता।
अब एडीजी कानून व्यवस्था ने दबिश से पहले, दबिश के दौरान और गिरफ्तारी के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस लाइनों में पर्याप्त बुलेट प्रूफ जैकेट, अस्त्र, शस्त्र और सुरक्षा उपकरण रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिसकर्मियों की शारीरिक और मानसिक दक्षता पर भी फोकस हो। एपी अंशुमान ने बताया कि बीते तीन वर्षों में प्रदेश में पुलिस पर फायरिंग की कुल 27 घटनाएं हुई हैं। इनमें पांच पुलिसकर्मी घायल हुए।