देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता ): कोरोना महामारी के बीच उत्तराखंड में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. एक ओर भाजपा वर्चुअल रैली के जरिए जनसंवाद कर रही है, तो वहीं कांग्रेसी नेता व्यक्तिगत रूप से 2022 के आगामी चुनाव के लिए जुट गए हैं. 2022 में होने वाले चुनाव के नजदीक आते ही पार्टियों की विधानसभाओं में सक्रियता भी काफी तेज होने लगी है. उत्तराखंड में साल 2022 राजनीतिक दलों के लिए बेहद खास है. देखा जाए तो अभी इसमें काफी समय है, लेकिन राजनीतिक दलों ने कोरोना के बीच में ही चुनाव के नजदीक आते ही तैयारियों में जुटकर सक्रियता बढ़ा दी है. हालांकि, भाजपा काफी लंबे समय से ही संगठन और सरकार दोनों ही स्तरों पर आम लोगों से संवाद करने की कोशिश करती रही है. वहीं, अब कांग्रेस ने भी चुनावी समर में उतरने का संकेत दे दिया है.
देहरादून में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत का पहुंचना भी इसी ओर इशारा कर रहा है. दरअसल, हरीश रावत इन दिनों उत्तराखंड की राजनीति में छाए हुए हैं. विभिन्न मुद्दों पर हरीश रावत के बयान और उनकी सक्रियता भी सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों तक पहुंच रही है. हालांकि, संगठन के स्तर पर कुछ खास सक्रियता प्रदेश में दिखाई नहीं दे रही है. वहीं, कांग्रेस के नेता अपने व्यक्तिगत प्रयासों के जरिए सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं.
बता दें कि कांग्रेस की ओर से संगठन स्तर पर तैयारी ढीली है. वहीं, राजनेताओं की ओर से अपनी अपनी विधानसभाओं में सक्रियता तेज कर दी गई है. उधर, पार्टी के बड़े नेता भी अपने व्यक्तिगत प्रयासों को सोशल मीडिया के जरिए तेज कर रहे हैं. उधर, भाजपा संगठन और सरकार दोनों ही स्तरों पर काफी ज्यादा सक्रिय होती दिखाई दे रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्चुअल रैली के जरिए तमाम विधानसभाओं में लोगों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि, संगठन में भी पार्टी नेताओं को विधानसभा स्तर पर जिम्मेदारी देकर कोरोना काल में भी लोगों से संवाद करने के लिए कहा जा रहा है.