हादसों से सबक नहीं ले रहा प्रशासन, कम क्षमता वाले पुलों से गुजर रहे भारी वाहन

बेरीनाग (नेटवर्क 10 संवाददाता ): सुरक्षा की दृष्टि से मैदानों और पहाड़ी सड़कों के लिए परिवहन विभाग ने अलग-अलग नियम बनाए हैं. लेकिन पहाड़ों पर नियमों को ताक पर रखकर पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से भारी भरकम वाहनों को भेजा जा रहा है. क्योंकि बिना मिलीभगत के भारी वाहन पहाड़ों पर नहीं पहुंच सकते हैं. वहीं हादसों के बाद भी विभाग नींद से नहीं जाग रहा है. 10 और 16 टायरा ट्रक जिस तरह से पहाड़ चढ़ रहे हैं ये पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. सोमवार को मुनस्यारी के मिलम रोड पर पोकलैंड मशीन ले जा रहा है ट्रक जैसे ही पुल के ऊपर से गुजर रहा था पुल टूट गया. सवाल इसी बात को लेकर खड़े हो रहे है कि पहले से खस्ताहाल इस मोटर मार्ग पर इतनी भारी भरकम मशीन को ले जाने की अनुमति कैसे मिली?

ताज्जुब की बात तो यह है कि हल्द्वानी से मुनस्यारी तक इस ट्राले को किसी ने नहीं रोका. जबकि पुल के पास में मौजूद बीआरओ के संतरी ने ट्राले को पुल के ऊपर से ले जाने के लिए मना कर दिया था. लेकिन कंपनी के अधिकारी ने जबरन उसे पुल के ऊपर ले जाने को कहा.  जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि लापरवाही के कारण यह पुल टूटा हुआ है, जो इसके जिम्मेदार है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

तीन साल पहले सेराघाट मेंं टूटा था पूल
तीन साल पहले इसी तरह की लापरवाही के कारण सेराघाट-नैनी मोटर मार्ग बना पुल दो ट्रकों के आने से टूट गया था. इस हादसे में भी दो लोगों की मौत हो गई थी. तीन से साल का लंबा वक्त बीत चुका है, लेकिन आजतक उस पुल को दोबारा निर्माण नहीं हुआ है. बता दें कि रविवार को उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ को मुनस्यारी तहसील में चीन सीमा को जोड़ने वाला वैली ब्रिज टूट गया. ये हादसा उस वक्त हुआ, जब मुनस्यारी-मिलम रोड पर पोकलैंड मशीन को एक ट्राला ले जा रहा था. धापा के पास सेनर नाले पर बना पुल ओवरलोडिंग के कारण ध्वस्त गया. इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *