देहरादून: उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री जल्द ही मंत्री पद से हटाए जा सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सतपाल महाराज की रिपोर्ट पूरी तरह संतुष्टि वाली नहीं है। उनके पास दो बड़े विभाग हैं। पर्यटन और PWD। इसके अलावा भी उनके पास संस्कृति विभाग और पंचायती राज है। लेकिन 2 बड़े विभागों की रिपोर्ट महाराज के खिलाफ है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में राजस्व का एक बड़ा माध्यम पर्यटन विभाग है जिसके मंत्री सतपाल महाराज हैं। पर्यटन के क्षेत्र में सारी घोषणाएं और काम सिर्फ मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी कर रहे हैं। धामी ही हर कार्य की रिपोर्ट लेते रहे हैं और हर विकास कार्य की प्रगतिभि देखते रहे और देख रहे हैं। पर्यटन की नीतियां स्वयं cm धामी को बनानी पड़ रही हैं। ऐसे में पर्यटन मंत्री अपनी फजीहत करा रहे हैं।
ताज़ा उदाहरण केदारनाथ हेली सेवा में पर्यटन विकास परिषद के एक बड़े अधिकारी की मौत का है जिसमें पर्यटन मंत्री के मुंह से शोक के शब्द तक नहीं निकले। केदारनाथ में हेलीकाप्टर से उतरते वक्त वहां हेली सेवाओं का जायजा लेने गए पर्यटन विकास के वित्त नियंत्रक जा सिर हेलीकाप्टर से उतरते वक्त पंखे से कट गया। इस घटना पर महाराज की चुप्पी शर्मनाक है।
21 अप्रैल को ऋषिकेश से चारधाम यात्रा का आगाज़ हुआ, उस दिन भी मंत्री महाराज नदारद रहे। कार्यक्रम में स्वयं मुख्यमंत्री धामी और 3 कैबिनेट मंत्री थे लेकिन पर्यटन मंत्री अपने किसी निजी कार्यक्रम में व्यस्त रहे।
एक ताज़ा मामला और सुर्खियों में मीडिया की गलियों में छाया रहा। 2 दिन पहले ही सतपाल महज के विभाग पर्यटन से ईद की मुबारकबाद का लाखों का विज्ञापन अलग अलग अखबारों में पूरा पेज प्रकाशित किया गया, जबकि उत्तराखंड पर्यटन विभाग से ईद का दूर दूर का नाता नहीं है। ईद से जुड़ा कोई पर्यटन उत्तराखंड में नहीं है। इसके अलावा वही ईद का विज्ञापन उसी दिन सभी अखबारों में फुल पेज विज्ञापन के तौर पर महाराज के पास निहित संस्कृति विभाग से जारी किया गया। आखिर उत्तराखंड की संस्कृति का ईद के इससे विज्ञापन से क्या उत्थान हो गया? ये बात भी गलियारों में जोर जोर से गूंज रही है कि पार्टी लाइन और सोच से विपरीत चलने वाले महाराज की बारी तुरंत आने वाली है। उनको जल्दी घर बिठाया जा सकता है। आपको बता दें कि सतपाल महाराज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।