हरिद्वार: उत्तराखंड की एक ग्रामसभा जिसको नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार के लिए चुना गया, आखिर इस ग्राम सभा की खासियतें आप भी जान लीजिए ताकि आने वाले समय में आपकी ग्रामसभा भी इस तरह का सम्मान पा सके। दरअसल इस ग्रामसभा को देश को इतने बड़े गौरवशाली सम्मान के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यहां के लोगों ने अपनी ग्रामसभा को इस लायक बनाने के लिए खूब मेहनत की।
इस सम्मान के लिए ग्राम पंचायत खेड़ली को चुना गया है। इस ग्राम सभा ने पंचायतों की बैठकों की संपूर्णता और जन सहभागिता से यह सम्मान पाया। गांव की चमचमाती गलियां और स्वच्छता पंचायत का गौरव बढ़ा रही हैं। खेड़ली ई-पंचायत के सभी विकास कार्यो का ब्योरा भी ऑनलाइन दर्ज है।
केंद्रीय पंचायती राज विभाग की ओर से नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार के लिए चुनी गई बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत खेड़ली में विकास कार्यों की नींव मजबूत रखी गई। दरअसल, पुरस्कार का चयन करते समय सबसे पहले पंचायतों की बैठकों को देखा जाता है।
बैठकों में जनसहभागिता बढ़ने से पंचायत का विकास भी समुचित होता है। खेड़ली ग्राम पंचायत में भी नियमित रूप से पंचायतों और ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन होता है, जिसमें हर बैठक में नौ सदस्यों में से कम से कम सात-आठ सदस्य उपस्थित रहते हैं। इसमें सभी महिला सदस्य भी हिस्सा लेती हैं।
इसके अलावा सालभर में होने वाली ग्रामसभा की चारों बैठकों में भी कम से कम 60 प्रतिशत ग्रामीण मौजूद रहते हैं। जिसमें अनुसूचित जाति से लेकर महिलाओं की भागीदार अधिक होती है। पंचायत का चहुंमुखी विकास कार्य करने के लिए हर विभाग से समन्वय बनाकर प्रस्ताव के अनुसार विकास कार्य कराए जाते हैं। पंचायत के विकास कार्यों पर आया तमाम खर्च और विवरण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड किया जाता है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
पंचायत की सड़कों से लेकर छोटी-छोटी गलियां भी इंटर लॉकिंग रंग-बिरंगी टाइल्स से बनाई गई हैं। स्वच्छता के लिए प्रत्येक घर से यूजर चार्ज वसूला जाता है। इससे चार कर्मचारी लगाए गए हैं, जो हर दिन गांव में सफाई करते हैं। कूड़ा उठाने के लिए एक ई-रिक्शा और एक रेहड़ा पंचायत ने खरीदा हुआ है। इससे गांव की किसी भी गली में जलभराव और कूड़ा दिखाई नहीं देता। गांव में पथ प्रकाश, पेयजल की व्यवस्था और 300 लोगों को मनरेगा से विकास कार्य कराने के लिए रोजगार भी दिया जा रहा है।