हल्द्वानी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। कोरोनाकाल के लॉकडाउन ने अजीब अजीब तरह के रिकॉर्ड कायम किए हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड की बात करें तो यहां निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों ने अपना जीवन यापन करने के लिए अपनी पीएफ की जमापूंजी का सहारा लिया। अकेले उत्तराखंड के कुमाऊं अंचल में साढ़े आठ हजार कर्मचारियों ने अपना पीएफ निकाला।
मीडिया रिपोर्ट्स की बात करें तो अकेले कुमाऊं अंचल के साढ़े आठ हजार कर्मचारियों ने लॉकडाउन के दौरान अपनी पीएफ से करीब 15 करोड़ की राशि निकाली है। आपको बता दें कि ये वो लोग हैं जो निजी क्षेत्र में काम करते हैं। पीएफ कार्यालय से ये आंकड़े बताए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक निजी उद्यमों में काम कर रहे कुमाऊं के कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार की पीएम गरीब कल्याण योजना जीवनयापन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई।
आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लांच की थी। इस योजना के तहत कर्मचारी अपने पीएफ खाते से पीएफ की कुल राशि का 75 फीसदी निकाल सकता है। पीएफ कमिश्नर कार्यालय से मिली जानाकारी के मुताबिक इसके लिए कर्मचारी को ऑनलाइन आवेदन करना होता है और ईपीएफओ कार्यालय से उसकी सभी औपचारिकताएं दुरुस्त होने पर पीएफ का पैसा संबंधित कार्मिक के बैंक खाते में चला जाता है, और वह उसे निकाल सकता है। बताया कि ईपीएफओ कार्यालय से कुमाऊं भर में दो लाख कार्मिक जुड़े हुए हैं। जो योजना का लगातार लाभ उठा रहे हैं।