लद्दाख (समाचार एजेंसियां)। चीन ने भारत के साथ फिर गद्दारी की है। रात के अंधेरे में उसने भारत के जवानों पर हमला कर दिया जबकि हमारी सेना की टुकड़ी चीन से बातचीत के लिए गई थी। चीन की तरफ ये हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से बोला गया। इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। सेना के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत के 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा था। कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं।
समाचार एजेंसियों ने बताया है कि ये झड़प करीब तीन घंटे चली। ये घटना लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। बताया गया है कि चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन चीन की तरफ से इसे कबूला नहीं गया है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
आपको बता दें कि 45 साल पहले 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे।
बताया गया है कि 20 में से 3 सैनिक गोलियां लगने से शहीद हुए हैं। 45 जवानों को बंधक बनाया गया था और इनमें से 25 को छोड़ दिया गया है। यह भी बताया गया है कि 135 भारतीय जवान घायल हैं।