उत्तर प्रदेश में 5000 शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज से ली नौकरी!

(नेटवर्क 10 संवाददाता) : उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों के मामले में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. फर्जी शिक्षकों के मामले की जांच कर रही एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक पिछले 2 साल में करीब ढाई सौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. माना जा रहा है कि फर्जीवाड़ा के लिए जालसाज 8 तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. सबसे पहले जून 2018 में एसटीएफ ने मथुरा जिले में फर्जी शिक्षकों का मामला पकड़ा था. जिसमें कड़ियां मिलाने पर जांच प्रदेश के अन्य जिलों में फर्जी शिक्षकों तक पहुंची थी.

फर्जी दस्तावेजों पर सैकड़ों नौकरियां

फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी लेने वालों में सबसे पहले मथुरा जिले में लिपिक महेश शर्मा, 13 शिक्षक और दो कंप्यूटर ऑपरेटर पकड़े गए थे. इनसे पूछताछ में पता चला कि पूरे प्रदेश में सैकड़ों लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं. इसमें फर्जीवाड़ा करने के कई तरीके सामने आए हैं. अब तक पुलिस जांच में जो तरीके पकड़े गए हैं. उसमें सबसे ज्यादा मामले फर्जी अंक पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों का है. इसके अलावा किसी दूसरे के दस्तावेज इस्तेमाल करके नौकरी पाने का तरीका भी बहुत इस्तेमाल हुआ है. चर्चित अनामिका शुक्ला मामला भी इसी तरीके का उदाहरण है.

फर्जी स्थानांतरण पत्र से भी नौकरी

इसके अलावा फर्जी अंक पत्र के जरिए मेरिट के हिसाब से नियुक्ति पाने का तरीका भी है. जलसाजों ने जो तरीका इस्तेमाल किया, उसमें सबसे कारगर तरीका यह है कि फर्जी स्थानांतरण पत्र बनवा लिया जाए, और फिर किसी भी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर पदभार ग्रहण करा दिया जाता था. उसके बाद उस स्कूल में फर्जी शिक्षक की सर्विस फाइल बनाकर सरकारी दस्तावेजों में शामिल कर दी जाती थी. इसके अलावा विभिन्न विशेष आरक्षण श्रेणियों में नियुक्ति कराने के लिए जाली दस्तावेज के आधार पर नौकरी दिलाई जाती रही.

फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए कम अंक पाने वालों के नंबर बढ़ाकर नई मेरिट लिस्ट बनाकर, वित्त पोषित तथा अल्पसंख्यक विद्यालयों में अनियमितता करके भी फर्जी सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले सामने आए हैं. अब तक की जांच में जालसाजों ने नौकरी दिलाने के लिए 8 खास तरीके इस्तेमाल किए हैं जिनके बारे में जांच की पहली रिपोर्ट दी जा चुकी है. बावजूद इसके शिक्षा विभाग में अभी बहुत से तरीके और फर्जी शिक्षक पकड़े जाने बाकी हैं.

अब तक 126 एफआईआर दर्ज

यूपी पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक इन फर्जी शिक्षकों की संख्या 5000 से भी ऊपर हो सकती है. जिनकी जांच अभी चल रही है. अभी तक जिन जिलों में सबसे ज्यादा मामले पकड़े गए हैं उनमें मथुरा सबसे अव्वल है, जहां 85 मामले पकड़े गए. उसके अलावा बलरामपुर, बरेली, सिद्धार्थनगर, गोंडा, महाराजगंज, आजमगढ़, सीतापुर, अमेठी, सुल्तानपुर, कुशीनगर, बाराबंकी, अंबेडकरनगर और दूसरे जिलों में कुल 126 एफआईआर अब तक दर्ज कराई गई हैं. इस मामले मे 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके बावजूद भी अधिकारियों का मानना है कि यह फर्जीवाड़े का मामला इतना गहरा है जिसमें सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी अभी और हो सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *