इन 72 गांवों के लोगों को मरने के लिए क्यों छोड़ दिया सरकार ?

चौथान पट्टी/पौड़ी (नेटवर्क 10 टीवी संवाददाता)। सरकार की जन जन के लिए चलाई जा रही योजनाओं को हम प्रमुखता से दिखाते हैं ताकि आम लोग इन योजनाओं का फायदा उठा सकें और सरकार की योजनाओं के बारे में गहराई से जान सकें। लेकिन जब सरकार की नजर वहां नहीं पड़ती जहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं और वहां के लोग परेशान हैं तो सरकार की आंखें खोलने का काम भी हमारा है। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पौड़ी जिले की चौथान पट्टी की हकीकत। 72 गांवों की ये पट्टी पौड़ी जिले में है और अल्मोड़ा और चमोली की सीमा से लगती हुई है।

पौड़ी जिले की चौथान पट्टी से पलायन बहुत कम हुआ है। वजह, यहां खेती की जमीन बहुत अच्छी है और लोग खेती करके अपनी आजीविका कमाते हैं। यहां स्कूल भी अच्छे हैं और अध्यापकों की ज्यादातर जगह कमी नहीं है। हर घर से कोई न कोई फौज में नौकरी करता है। यहां सबसे ज्यादा चिंतित करने वाली बात स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर है।

छोटे छोटे स्वास्थ्य केंद्र नाम के लिए यहां खुले हुए तो हैं लेकिन डॉक्टर तो छोड़ो कोई कंपाउंडर तक नहीं है। बूंगीधार और उफरैंखाल में छोटे अस्पताल हैं। लेकिन पूरे इलाके में एंबुलेेंस सेवा नहीं है। यहां के लोगों ने अभी तक एंबुलेंस देखी तक नहीं है। 2009 में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी थे तब यहां के लोगों ने मिलकर उनसे इलाके के लिए 108 सेवा की मांग की थी। तब खंडूड़ी ने एंबुलेंस सेवा के लिए 10 लाख रुपये पास करने का भरोसा दिलाया था लेकिन अब तक ये लोग अपनी मांग पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।

चौथान पट्टी श्रीनगर विधानसभा के अंदर आती है। यहां के विधायक धनसिंह रावत हैं जो सरकार में मंत्री हैं। धनसिंह रावत को भी यहां के लोग कई बार ज्ञापन सौंपकर 108 एंबुलेंस सेवा की मांग कर चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ है।

ये इलाका वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जन्मस्थली है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर सरकार ने कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं, पूर्व सरकारों के वक्त से ये योजनाएं चली आ रही हैं लेकिन चंद्र सिंह गढ़वाली का इलाका ही सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोग न सड़क की मांग कर रहे हैं न किसी रोजगार की, बस इनकी मांग है कि एक एंबुलेंस सेवा मुहैया हो जाए तो हमारे इलाके के लोग असमय काल का ग्रास बनने से बच सकते हैं।

हाल ही में 2 जून को यहां एक भयावह घटना घटी थी। क्वारंटाइन में रखी गई एक नवविवाहिता की यहां मौत हो गई थी। वो दिल्ली से लौटी थी और उसे यहां गोशाला में क्वारंटाइन किया गया था। हैरत की बात ये है कि उसका शव जिला अस्पताल ले जाने के लिए 22 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है।

इस पट्टी के लोगों की मांग है कि बूंगीधार या पीठसैंण में 108 सेवा की एक एंबुलेंस सेवा खड़ी कराई जाए ताकि वो जरूरत पड़ने पर मौके पर पहुंच सके और किसी बीमार को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।

नेटवर्क 10 टीवी भी चौथान पट्टी के लोगों की इस मांग को सरकार की चौैखट पर प्रमुखता से उठा रहा है।

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