चमोली (जितेंद्र पंवार)। उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी निर्देशो के क्रम में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा संचालित किए जाने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा संचालित किए जाने के दृष्टिगत जनपद प्रशासन धर्माधिकारी, बद्रीनाथ मंदिर समिति, बद्रीनाथ पंडा समाज, होटल व्यवसायियों, टैक्सी यूनियन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं व्यापार संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णयों के क्रम में तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देहरादून के दिशा निर्देशानुसार कोरोना वायरस के संक्रमण के दृष्टिगत श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा संचालित करने का निर्णय लिया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेशानुसार बामणी, माणा एवं नगर पंचायत क्षेत्र बद्रीनाथ के मूल स्थानीय निवासी जो वहां पर पूर्व से निवासरत हैं उनको भगवान बद्रीनाथ जी के दर्शन की अनुमति दी गई है, जबकि बाहरी देशों राज्यों व उत्तराखंड राज्य के अन्य जनपदों तथा चमोली के अन्य स्थानों के लोगों को दर्शन की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालु मंदिर मे सिंह द्वार के अंदर मुख्य द्वार के मचान से ही श्री बद्रीनाथ जी के दर्शन कर सकेंगे। श्री बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन का समय सुबह 7:00 से शाम 7:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। सभी श्रद्धालुओं को श्री बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन हेतु टोकन प्राप्त करने होंगे, जो देवस्थानम बोर्ड द्वारा निश्शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। नगर पंचायत बद्रीनाथ में पंजीकृत 19 साधु-संतों जो जनपद में 1 माह से अधिक समय से निवास कर रहे हैं उन्हें श्री बदरीनाथ धाम में अवस्थित अपनी कुटिया, मठ में जाने की अनुमति एसडीएम जोशीमठ के स्तर से प्रदान की जाएगी।
श्री बदरीनाथ धाम में अवस्थित दुकानदारों,होटल व्यवसाय को अपने दुकानों, होटलों को देखने हेतु पहले चरण में 1 दिन सुबह 7:00 से शाम 7:00 बजे तक की अनुमति निर्धारित शर्तों के अधीन प्रदान की जाएगी। तत्पश्चात यदि उन्हें मजदूरों के माध्यम से होटलों और दुकानों, धर्मशाला की मरम्मत का कार्य किया जाना आवश्यक हो तो उन्हें मजदूरों को बदरीनाथ धाम में ले जाने हेतु मजदूरों के नाम आधार कार्ड सहित उपलब्ध कराने होंगे। जिनका सत्यापन एवं चिकित्सीय जांच उपरांत ही चरणबद्ध रूप से अनुमति एसडीएम जोशीमठ के स्तर से जारी की जाएगी।
श्री बदरीनाथ धाम में अवस्थित ऐसे होटलों, दुकानों , धर्मशालाओं जिनके मालिक वर्तमान में अन्य राज्यों उत्तराखंड के अन्य जनपदों में रह रहे हैं उन्हें बद्रीनाथ धाम में अवस्थित अपने होटलों दुकानों धर्मशाला की मरम्मत अथवा खोले जाने की अनुमति कदापि नहीं होगी। यह व्यवस्था 30 जून तक लागू की गई है।