टिहरी (नेटवर्क 10 संवाददाता ): जिले के जरदार गांव के रमेश नेगी मुंबई में होटल में काम करते थे. लॉकडाउन में होटल बंद हुए तो नौकरी भी जाती रही. आय का साधन बंद होने पर रमेश को घर की याद आई. घर लौटकर रमेश ने स्वरोजगार शुरू किया है. रमेश ने तिमला का अचार बनाना शुरू किया है. रमेश अभी तक 300 किलोग्राम तिमला जमा कर चुके हैं. उनका कहना है कि तिमला का अचार बनाकर स्वरोजगार करूंगा. फाइव स्टार होटलों में तिमला के अचार की बहुत मांग है.
बीज बचाओ आंदोलन से जुड़े विजय जरदारी कहते हैं कि तिमला में रोजगार देने की बहुत संभावनाएं हैं. राज्य के कई इलाकों में पहले से ही तिमला का अचार बनाया जा रहा है. दरअसल तिमला एक पहाड़ी फल है. पहाड़ में इसके पेड़ प्राकृतिक रूप से उगते हैं. जब इसके फल नए-नए आते हैं तो उनकी सब्जी बनाई जाती है. इनकी सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट होती है. तिमला का अचार भी स्वाद में अद्भुत होता है.
बहुत फायदेमंद है तिमला
- तिमला अतिसार और पीलिया में लाभदायक है
- इसमें आम और सेब से भी ज्यादा पोषक तत्व होते हैं
- ये ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
- पका हुआ तिमला ग्लूकोज, फ्रक्टोज तथा सुक्रोज का बेहतर स्रोत है
तिमला को और जानिए
- तिमला को अंजीर भी कहते हैं
- ये खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है
- इसका वैज्ञानिक नाम फाईकस आरीकुलेटा है तथा मोरेसी कुल का पौधा है
- उत्तराखण्ड में तिमला समुद्र तल से 800-2000 मीटर ऊंचाई तक पाया जाता है
- इसकी पत्तियां पशुओं को चारे के रूप में खिलाई जाती हैं
तिमला के ये गुण पढ़कर दंग रह जाएंगे
- तिमला के प्रति 100 ग्राम में प्रोटीन 5.3 प्रतिशत पाया जाता है
- इसमें कार्बोहाईड्रेड 27.09 प्रतिशत होता है
- फाइबर 16.96 प्रतिशत पाया जाता है
- कैल्शियम 1.35, मैग्नीशियम 0.90 और पोटेशियम 2.11 प्रतिशत होता है