देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड में कोरोना के मामले भले ही बढ़ रहे हैं लेकिन हालात में सुधार भी उतनी ही तेजी से हो रहा है। इधर शासन प्रशासन कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार पूरी तरह सतर्क है।
प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब कोरोना का डबलिंग रेट अब 16 दिन से अधिक हो गया है। हमारा रिकवरी प्रतिशत, राष्ट्रीय औसत के बराबर लगभग 48 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह के तुलनात्मक आंकड़े देते हुए बताया कि दिनांक 25 मई से 31 मई के दौरान डबलिंग रेट 4.58 दिन, सैंपल पॉजिटिव रेट 8.83 प्रतिशत था। जबकि 1 जून से 7 जून के दौरान डबलिंग रेट 13 दिन और सैंपल पॉजिटिव रेट 6.16 प्रतिशत था। इसी प्रकार 25 मई से 31 मई के दौरान 970 सैंपल टेस्ट किए गए और बेड की संख्या 8375 थी। जबकि 1 जून से 7 जून के दौरान 1053 सैंपल टेस्ट किए गए और बेड की संख्या बढ़कर 18234 हो गई।
उन्होंने बताया कि सैपलों के पॉजिटिव होने की दर उत्तराखंड में 4.31 प्रतिशत है जबकि देश का औसत 5.37 प्रतिशत है। प्रति दस लाख सैंपल लेने की दर 3169 है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु दर देश में 2.78 प्रतिशत है, जबकि राज्य में यह दर लगभग एक प्रतिशत है।
मुख्य सचिव ने बताया कि पिछले दिनों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है, लेकिन इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी इजाफा किया है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा है कि प्रदेश में 1380 कोरोना पॉजिटिव केस में से कुल 697 एक्टिव केस ही हैं। राज्य में डबलिंग रेट और रिकवरी रेट में निरंतर सुधार हो रहा है। कोरोना रोकथाम को लेकर सरकार पूरी सतर्कता बरत रही है। बताया कि प्रदेश में 55 कंटेनमेंट जोन तय किए गए हैं।
1380 कोरोना पॉजिटिव के 6294 कान्टेक्ट ट्रेस किए गए हैं। वर्तमान में करीब 1 लाख 30 हजार लोग क्वारंटीन में हैं। इनमें से अधिकांश होम क्वारंटीन में हैं। राज्य में 55 कंटेनमेंट जोन स्थापित हैं, जहां पूरी सख्ती बरती जा रही है।
कोरोना का असर हो रहा है कम