- अटल समान से सम्मानित डॉ अरुण का गांव में सम्मान
- पैतृक गांव में अरुण प्रकाश ढौंडियाल का सम्मान
- सम्मान में गांव में लहराए गए तिरंगे
- ढोल नगाड़ों पर नाचे ग्रामवासी
पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के प्रसिद्ध आंचलिक साहित्यकार और हाल ही में अटल बिहारी बाजपेयी साहित्य सम्मान से नवाजे गए डॉ अरुण प्रकाश ढौंडियाल का उनके पैतृक गांव पहुंचने पर ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। आपको बता दें कि डॉ ढौंडियाल उत्तराखंड के सीमावर्ती सुदूर गांव दुमलोट के निवासी हैं और प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। दिल्ली में कुंको दिसंबर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपाई के जन्मदिन पर अटल बिहारी बाजपेयी साहित्य सम्मान से नवाजा गया था। डॉ अरुण प्रकाश ढौंडियाल जयब अपने गांव दुमलोट पहुंचे तो पूरी ग्राम पंचायत के लोगों ने तिरंगे लहराकर गांव में उनका सम्मान किया।
सम्मान समारोह का आयोजन पूरी ग्राम पंचायत ने किया और डॉ ढौंडियाल को उनके गाँव के घर पर ही ढोल नागाडों के साथ सम्मानित किया। इस मौके पर क्षेत्र के शिक्षाविद और समाजसेवी बिलोचन प्रसाद मैन्दोलिया ने सबको डॉ ढौंडियाल के साहित्यिक और शिक्षाविद के तौर पर रहने का सफर बताया। सम्मान समारोह में सलूट तिरंगा के राजेह शाह भी दिल्ली से डॉ ढौंडियाल के गाँव पंहुंचे थे। इस बीच सभी गांव वालों ने तिरंगे लहराए और राष्ट्र के नाम नारे लगाए। पूर्व प्रधान कमलेश देवी और वर्तमान प्रधान प्रतिनिधि कृपाल सिंह ने अपनी अपनी तरफ से डॉ ढौंडियाल को सम्मानित कर कहा कि देश विदेश में गांव का नाम ढौंडियाल की वजह से रोशन हुआ है।