उत्तराखंड के युवाओं के लिए भीमताल के 28 साल के किसान ने पेश की मिसाल

भीमताल (नेटवर्क 10 संवाददाता)। महज 28 साल के किसान के बारे में सुनते ही कुछ हैरत होती है। लेकिन 28 साल का ये मझा हुआ किसान आज उत्तराखंड के तमाम युवाओं के लिए मिसाल बनकर खड़ा है। इस किसान का नाम है लोकेश वर्मा। लोकेश वर्मा ने महज 5 हजार रुपये का कर्ज लेकर पहाड़ के ऑर्गेनिक उत्पादों का छोटा सा व्यापार शुरू किया। आज देखते ही देखते देश के कई हिस्सों में उनके उत्पाद सप्लाई हो रहे हैं और अब वे इन्हें एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं। आज लोकेश वर्मा ने पहाड़ी जैविक उत्पादों की एक कंपनी बनाई है जिसका नाम है लोकेश एग्रो। लोकेश एग्रो में वर्तमान में 10 लोगों का स्टाफ है जो सभी युवा हैं और कामयाबी की एक नई परिभाषा गढ़ रहे हैं।

लोकेश एग्रो के मालिक 28 साल के लोकेश वर्मा भीमताल में रहते हैं। भीमताल के पास चांफी गांव में वे खेती करते हैं। पहाड़ में पैदा होने वाले जैविक फलों से उन्होंने शुरुआत की और उनकी कंपनी पहाड़ के 71 उत्पादों की मार्केटिंग करती है। नेटवर्क 10 ने जब लोकेश वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका सफर बेहद मेहनत भरा होने के साथ साथ बड़ा रोमांचक भी रहा है।

वे बताते हैं कि उनकी कंपनी की शुरुआत महज एक इत्तिफाक है। पहले वे लोकली ही लोकल प्रोडक्टर का व्यापार करते थे। इस बीच दिल्ली में रहने वाले उनके किसी परिचित ने उन्हें फोन किया कि उन्हें पहाड़ी आड़ू की जरूरत है। उन्होंने लोकेश को 1 क्विंटल आड़ू का ऑर्डर दिया। लोकेश ने लोकली 30 से 50 रुपये किलो बिकने वाले आड़ू को पैकिंग और ट्रांस्पोर्टेशन जोड़कर 100 रुपये किलो डिलीवर करने की बात कही। ऑर्डर फाइनल हो गया। इसी ऑर्डर को पूरा करने के लिए लोकेश ने अपने मित्र से 5 हजार रुपये का कर्ज लिया था। लोकेश ने हल्द्वानी से आड़ू वाया ट्रेन दिल्ली भेजा। इसके बाद दोबारा बड़ा ऑर्डर मिला।

इसके बाद लोकेश वर्मा ने अपने मित्रों से मिलकर सोशल मीडिया पर ऑर्गेनिक ग्रुप्स की तलाश की। इन समूहों में लोकेश ने अपने हर्बल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की जानकारी साझा की। बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर ही चलने लगा कारोबार। लगातार ऑर्डर्स मिलने लगे और खड़ी हो गई लोकेश एग्रो नाम की कंपनी। आज भी सोशल मीडिया के मार्फत लोकेश एग्रो को पहाड़ी प्रोडक्ट्स के तमाम ऑर्डर्स पूरे देशभर से मिलते हैं और वे इनकी डिलीवरी करते हैं।

लोकेश एग्रो की खासियत ये है कि वो पहाड़ के विभिन्न इलाकों में पैदा होने वाले जैविक उत्पादों की उच्च गुणवत्ता का ख्याल रखते हैं और जहां जिस उत्पदा की उच्च गुणवत्ता की पैदावार होती है उसे वहीं से मंगाकर उसका व्यापार करते हैं। लोकेश एग्रो की अपनी एक बड़ीऋंखला बनी हुई है। इसमें पहाड़ के कई किसानों को उन्होंने जोड़ रखा है। लोकेश एग्रो बेहतरीन पैक्स में पहाड़ के जंगली फलों जैसे काफल, हिसालू, घिंघोरा, बेड़ू की भी देशभर में डिलीवरी करते हैं।

इसके अलावा लोकेश वर्मा स्थानीय युवाओं और किसानों को खुद के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनका कहना है कि अगर लोकेश एग्रो की तर्ज पर पहाड़ में तमाम कंपनियां बनें और पहाड़ के हर्बल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बेहतर मार्केट मिले तो मेरे जैसे तमाम युवा घर पर ही रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। लोकेश वर्मा कहते हैं कि जब मैं महज 5 हजार रुपये का कर्ज लेकर बेहतर तरीके से व्यवसाय कर सकता हूं तो दूसरे युवा क्यों नहीं कर सकते।

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