देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। आज विश्व पर्यावरण दिवस है और आज हम आपको वो खबर बताने जा रहे हैं जो आप सबको चिंता में डाल सकती है। लेकिन चिंता करने से कुछ नहीं होगा, हम सबको पर्यावरण को बचाना होगा। पर्यावरण रहेगा तो आपकी और हम सबकी जिंदगी रहेगी। इस खबर को देखने और पढ़ने के बाद आप खुद मनन करें कि आप पर्यावरण को बचाने में खुद का योगदान किस तरह दे।
एक बड़े शोध में सामने आया है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में साल दर साल तेजी से बढ़ रहा ब्लैक कार्बन हिमालय की सेहत को बिगाड़ रहा है। ये शोध देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने किया है। इस शोध में खुलासा हुआ है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 0.01 से लेकर 4.62 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की दर से ब्लैक कार्बन जमा हो रहा है।
इस ब्लैक कार्बन के जमा होने से पर्यावरण को बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। इससे न सिर्फ तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं बल्कि इन क्षेत्रों के वन्यजीवों और पेड़ पौधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आपको बता दें कि दुनिया में यह पहली बार है जब वाडिया के वैज्ञानिकों ने ‘रियल टाइम ऑल वेदर डाटा’ के जरिये अध्ययन किया है।
यह शोध करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लैक कार्बन सूर्य से आने वाली पैराबैंगनी किरणों को अवशोषित करने के साथ ही इन्फ्रारेड के रूप में उन्हें उत्सर्जित कर रहा है। इसका सीधा असर हिमालयी क्षेत्र के तापमान और ग्लेशियरों पर पड़ रहा है।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों का कहना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण के अध्ययन के लिए गंगोत्री से आगे भोजवासा और चीड़वासा में मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।